जैविक खेती से बदली किस्मत: बसंती मुर्मू की सफलता बनी मिसाल

संथाल हूल एक्सप्रेस | पाकुड़िया संवाददाता/ संतोष कुमार

पाकुड़िया प्रखंड के बसंतपुर संकुल अंतर्गत बन्नोग्राम पंचायत के घोषपोखर गांव की रहने वाली बसंती मुर्मू ने मेहनत और लगन से अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। एक समय था जब गरीबी और संसाधनों की कमी के कारण बसंती सिर्फ 5 से 6 कट्ठा जमीन पर ही सब्जी की खेती कर पाती थीं। आमदनी सीमित थी और परिवार का गुजारा मुश्किल से चलता था।

लेकिन साल 2017 में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा संचालित सागेन साकाम आजीविका सखी मंडल से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी ने करवट ली। सखी मंडल के माध्यम से उन्हें जैविक खेती और पशुपालन का प्रशिक्षण मिला। इसके साथ ही 20 हजार रुपये का ऋण भी प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने 100 डिसमिल जमीन पर सालभर विविध प्रकार की सब्जियां उगाना शुरू किया।

बसंती अब पूरी तरह जैविक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग करती हैं, जिससे रासायनिक खाद में होने वाला खर्च भी बच जाता है। उनके द्वारा उगाई गई खीरा और अन्य सब्जियां पाकुड़िया हटिया और आसपास के साप्ताहिक बाजारों में 25 से 30 रुपये प्रति किलो की दर से बिकती हैं। इससे उन्हें हर महीने 8 से 12 हजार रुपये की आमदनी हो रही है।

आमदनी बढ़ने के साथ ही बसंती ने दो हैंड ट्रैक्टर भी खरीदे हैं, जिससे खेती के कार्यों में तेजी आई है और उनकी कमाई में और इजाफा हुआ है। आज बसंती न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन चुकी हैं।

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