रांची /सरायकेला संवाददाता
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना का लाभ अपात्र महिलाओं द्वारा लिए जाने का मामला सामने आया है। सरायकेला प्रखंड में ऐसी छह महिलाओं की पहचान की गई है, जिनके पिता या पति शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इसके बावजूद इन महिलाओं ने योजना का लाभ लिया, जो सरकारी मापदंडों के विरुद्ध है।
झारखंड के सरायकेला अंतर्गत
प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) यस्मिता सिंह ने बताया कि अपात्र पाई गई सभी महिलाओं को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर योजना की राशि प्रखंड नजारत में जमा करने का निर्देश दिया गया है। बीडीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा में राशि वापस नहीं की गई, तो संबंधित महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इन महिलाओं को भेजा गया नोटिस—-
सरायकेला प्रखंड की अधूरी देवी, संजू नायक, संध्या देवी, शीला प्रमाणिक, दशमी हेम्ब्रम और सोनाली गोड़सोरा को मंईयां सम्मान योजना का लाभ अनुचित रूप से लेने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है।
कौन हैं योजना के पात्र—-
मंईयां सम्मान योजना का लाभ केवल 18 से 50 वर्ष की उन महिलाओं को मिल सकता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हों और किसी भी रूप में सरकारी सेवा या सहायता से जुड़ी न हों। योजना का उद्देश्य राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
राज्यभर में हो रही जांच—
गौरतलब है कि झारखंड के 24 जिलों में योजना से जुड़ी अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। जांच में यह सामने आया है कि कई सुखी-संपन्न और नौकरीपेशा परिवारों की महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठा रही हैं। सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे मामलों की जांच तेज कर दी है और दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
सरकार की सख्ती, अपात्रों पर गिरेगी गाज
प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार की योजनाओं का लाभ केवल पात्र और जरूरतमंद लोगों तक ही सीमित रहेगा। अपात्र लाभुकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।