संथाल हूल एक्सप्रेस, पाकुड़िया।
पाकुड़िया प्रखंड में चिलचिलाती गर्मी और 43 डिग्री तापमान के बीच ठंडे पेयों की मांग चरम पर है। तालवा, पाकुड़िया बाजार, गनपुरा, बन्नोंग्राम जैसे क्षेत्रों में रंग-बिरंगी बोतलों में मिलने वाले शीतल पेय लोगों को गर्मी से राहत देने का दावा कर रहे हैं। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब हर वर्ग के लोग प्यास बुझाने के लिए इन पेयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
हालांकि इसी बीच गन्ने का रस फिर से लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। जानकारों के अनुसार गन्ने का रस न केवल प्राकृतिक है, बल्कि यह पाचन, प्रतिरक्षा, लिवर, किडनी और दांतों के लिए भी लाभकारी है। इसमें विटामिन बी, सी, फाइबर, नेचुरल शुगर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी है।
पेयजल की किल्लत और बोतलबंद पेयों की ऊंची कीमतों को देखते हुए लोग अब सुरक्षित और सस्ता विकल्प चुनते हुए गन्ने के रस की ओर लौट रहे हैं। बाजार से लेकर गांव तक इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।