ईसाई समुदाय के लोगों ने मनाया ईस्टर डे

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

गोपीकांदर : इसाई समुदाय का ईस्टर पर्व गोपीकांदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कई गिरजाघरों में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास साथ मनाया गया। सूली पर चढ़ने के बाद ईसा मसीह की मौत हो गई और उन्हें कब्र में दफनाया गया. बाइबल के अनुसार, तीसरे दिन यानी कि रविवार को ईसा मसीह का फिर से जन्म हुआ इसी चमत्कारिक घटना को ईस्टर संडे कहा जाता है। रविवार की सुबह ईसाई समुदाय की लोगों ने अपने-अपने कब्रस्तान में कैंडल जलाकर अपने पूर्वजों को याद किया गया। साथ ही चर्च में विशेष प्रार्थना उपासना किया गया। प्रभु यीशु मसीह दुःख से सुख तथा अन्धकार से प्रकाश होकर मृत्यु पर ईस्टर डे, जिसे पुनरुत्थान रविवार या पास्का भी कहा जाता है, एक ईसाई धार्मिक त्योहार है जो यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान की याद में मनाया जाता है। यह हर साल गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है। ईस्टर ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मृत्यु पर जीवन की विजय का प्रतीक है। विजय प्राप्त कर पुनरुथान और समर्थ मिला है। इसी के साथ ही 40 दिनों का महा उपवास कल से खत्म हो जाएगा। चर्च में खुशी का माहौल था एक दूसरे के बीच में मिठाईयां बांटी गई। प्रखंड स्थित तरणी चि रापत्थर, गाड़ियापानी, गोपीकांदर, छतरचूआ, जोड़ासिमल, सुरजुडीह , मजडीहा कुश्चिरा, गुम्मामोड़ एवं रंगामिशन सहित दर्जनों गिरजाघरों में ईस्टर पर गिरजा पढ़ने को लेकर भीड़ देखी गई।

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