15 अप्रैल की रात को हुआ घटनाक्रम
झारखंड के सिमडेगा जिले में एक दिल को दहला देने वाली घटना उभरकर सामने आई है, जिसमें एक बेटे ने नशे की हालत में अपने पिता की हत्या कर दी। आरोपी, सहुन टोपनो, ने अपने पिता मनसिद्ध टोपनो के साथ मामूली विवाद के चलते लाठी से ताबड़तोड़ वार किए। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर संकेत है कि नशाखोरी के बढ़ते प्रभाव ने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को कितना प्रभावित किया है।
घटना के बाद, घायल मनसिद्ध को सिमडेगा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। परंतु, उनकी हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल में रेफर कर दिया। लेकिन, परिवार की आर्थिक तंगी के कारण वे उन्हें रिम्स नहीं ले जा सके, और दुर्भाग्यवश, रास्ते में उनकी मौत हो गई। यह घटना समाज में आर्थिक असमानता और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चुनौतीपूर्ण मुद्दों को भी उजागर करती है।
मृतक के परिवार ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सहुन टोपनो को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और इस पर एसपी कुमार सौरभ ने कहा कि नशाखोरी के कारण ऐसे मामलों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने अवैध शराब बिक्री के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की बात भी कही।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। झारखंड में नशे की लत और घरेलू हिंसा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। पुलिस की सक्रियता के बावजूद, गांवों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे परिवारों में तनाव और विध्वंस का माहौल बढ़ रहा है।
इस घटना से एक महत्वपूर्ण संदेश जाता है कि समाज को नशाखोरी के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि ऐसे हृदयविदारक मामलों की पुनरावृत्ति न हो। परिवार की स्थिरता और समाज की संरचना के लिए नशे पर नियंत्रण आवश्यक है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को नशा मुक्ति के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।