संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
देवघर : स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान तथा साइंस एंड मैथमेटिक्स डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन के युग्म बैनर तले दीनबंधु उच्च विद्यालय स्थित रवीन्द्रसभागार में वेक्सो इंडिया के केंद्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, विश्व भारती, शांतिनिकेतन के हिन्दी विभागध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र राय, झारखण्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, देवघर जिला के अध्यक्ष डॉ. जय चंद्र राज, नेतरहाट आवासीय विद्यालय के पूर्व अध्यापक डॉ. मिथिलेश कुमार, वेक्सो इंडिया के संरक्षक प्रो. रामनंदन सिंह, पश्चिम बंगाल के स्वनामधन्य नेत्र चिकित्सक डॉ. देबदास चक्रबर्ती व दीनबंधु स्कूल के प्रधानाध्यापक काजल कांति सिकदार के करकमलों अपने शहर के अनुभवी होम्योपैथ एवं बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राम स्वारथ सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘होम्योपैथी का सार’ पुस्तक का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। ज्ञात हो डॉ. आर. एस. सिंह का जन्म 19 सितम्बर, 1944 को बिहार के रामपुर, डुमरा में होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. देवकी सिंह एवं गृहिणी श्यामा देवी के संतान के रूप में हुआ था। उनकी शिक्षा गाँधी स्कूल, डुमरा बी. एन. कॉलेज, पटना एवं कॉलेज ऑफ होमियोपैथी एंड आयुर्वेदिक, कोलकाता से पूरी हुईसन, 1966 में उन्होंने आसनसोल में रेलवे की नौकरी ज्वाइन की और 1974 में देवघर में स्थानांतरण होकर आए। सन 2004 में वाणिज्य पर्यवेक्षक पद से अवकाश प्राप्त किये एवं पूर्णरूपेण होमियोपैथी चिकित्सा में खुद को समर्पित कर दिए। मौके पर डॉ. देव ने कहा- यह पुस्तक, लक्षणों से परे उपचार होमियोपैथी का एक व्यापक अंवेषण है जो उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है जो केवल बीमारी के लक्षणों के बजाय व्यक्ति के इलाज पर केंद्रित है। डॉ. सुभाष ने कहा- डॉ. आर. एस. सिंह एक समर्पित और अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक है, जिनका लोगों को प्राकृतिक उपचार अपनाने के लिए सशक्त बनाने का जूनून है। डॉ. चक्रबर्ती ने कहा- डॉ. आर. एस. सिंह को समग्र स्वास्थ्य सिद्धांतों की गहरी समझ है और व्यक्तिगत देखभाल करने की प्रतिबद्धता है। प्रो. सिंह ने कहा- डॉ. आर. एस. सिंह आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणलियों में होमियोपैथी के एकीकरण के भी सक्रिय समर्थक हैं और चिकित्सा की इस सौम्य लेकिन गहन प्रणाली की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते हैं। लेखक डॉ. सिंह ने कहा, इस पुस्तक को प्रकाशित करने में बहू डॉ. रूपा कुमारी, बेटा प्रवीण कुमार (प्रधानाध्यापक, सुईया उच्च विद्यालय, बिहार), पौत्र ऋषि राज एवं ऋतु राज का अहम योगदान है।