संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
दुमका : मसलिया प्रखंड क्षेत्र के दलाही पंचायत भवन परिसर में बुधवार को पंचायत स्तरीय जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ज्यूरी अध्यक्ष मृदुल कुणाल मुर्मू, ग्राम प्रधान कार्तिक कुमार दास,पंचायत समिति सदस्य प्रेमलता भगत, स्वयं सहायता समूह से कल्याणी वाला दासी, मनरेगा मजदूर बासुकीनाथ मंडल, समाजसेवी नारायण चंद्र महतो सहित कुल छः सदस्यों की टीम की ओर से जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां पंचायत से कुछ गिने चुने लोग शामिल हुए थे। जिस में जूरी सदस्य व सोशल ऑडिट के सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की बीते दस से लेकर सोलह मार्च सात दिनों तक सोशल ऑडिट के दीपेश कुमार की अगवाई वाली तीन सदस्यों की टीम ने पंचायत में संचालित मनरेगा योजनाओं का निरक्षण कर उन्नीस मुद्दों को जूरी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसमें पंद्रह पशु सेड की कार्य अधूरा होने के बाबजूद संपूर्ण राशी की निकासी कर लेना। बागवानी में 112 पौधों में सिर्फ 96 पौधा होना। 16 एकड़ भूमि की सत्यपण किये बगैर कूप, डोभा आदि का निर्माण कार्य पूर्ण दिखाते हुए योजनाओं को बंद करना। 16 योजनाओं कार्य की जानकारी संचिका में ग्राम सभा की छाया प्रति ना होना। 8 योजना में 16 मस्टररोल संजीका में नही पाया गया। संजीका में सामग्री का बील नही पाया गया सहित आदि अनियमितताओं में संलिप्त 19 मुद्दो पर जूरी सदस्यों ने विचार विमर्श कर रोजगार सेवक रंजीत मंडल आदि पंचायत कर्मियों पर 1740 रुपये की जुर्माना लगते हुए दिए गए समय तक कार्य पूर्ण करते हुए साक्ष्य सहित प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से मिली जानकारी के अनुसार सुनवाई कार्यक्रम महज साल भर बरती गई अनियमितता को छुपाने का एक जरिया है। आदि इसके माध्यम से जागरूकता ही लानी है, तो क्या मनरेगा कर्मियों में इसकी कमी है जिस वजह से प्रत्येक साल पंचायत वार दर्जनों योजनाओं में अनियमितता पाई जाती है, सरकार पहले इन्हें जागरूक करें।