पाकुड़ नगर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी और जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने मंगलवार को कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी और जिला महामंत्री रूपेश भगत भी उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने 6 अप्रैल को पाकुड़ नगर में आयोजित रामनवमी की भव्य शोभायात्रा पर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि रामनवमी के आयोजन में स्थानीय लोगों और आयोजकों ने प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया, लेकिन प्रशासन की भूमिका सहयोगात्मक नहीं रही। खासकर 5 अप्रैल की आधी रात को रामनवमी आयोजन समिति के सदस्यों को नगर थाना बुलाकर नाटकीय तरीके से सुबह तक हिरासत में रखा गया। बाद में उन सभी से बॉंड लिखवाकर छोड़ दिया गया।
अमृत पांडेय ने यह भी कहा कि 5 अप्रैल की रात को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें 9 गांवों में रामनवमी जुलूस पर रोक लगा दी गई, क्योंकि नगर थाना से जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ था। भाजपा ने सवाल किया कि अगर नगर थाना ने समय पर रिपोर्ट नहीं दी तो क्या कोई कार्रवाई हुई?
इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी, श्री रघुवर दास और श्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इन ट्वीट्स के बाद ही प्रशासन हरकत में आती दिखी।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई में स्थानीय सांसद और विधायक की प्रत्यक्ष भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। पाकुड़ विधायक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं और राजमहल सांसद मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
अमृत पांडेय ने आरोप लगाया कि झामुमो-कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है और इस तरह के कदम से हिंदू धर्म के त्योहारों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि सभी धर्मों के त्योहारों को समान रूप से देखा जाए।