रांची,: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का 13वां महाधिवेशन आगामी 14-15 अप्रैल को आयोजित होने जा रहा है, जो पार्टी के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। महाधिवेशन के दौरान पार्टी के संविधान में व्यापक संशोधन के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य पार्टी पदाधिकारियों को सशक्त बनाना और संगठन को पंचायत से जिला स्तर तक मजबूती प्रदान करना है।
हाल ही में राजधानी रांची में संविधान संशोधन कमेटी की एक बैठक हुई, जिसमें कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया, जिनमें मंत्री सुदिव्य कुमार, योगेंद्र प्रसाद, विनोद पांडेय, अभिषेक प्रसाद, सांसद विजय हांसदा और फागू बेसरा शामिल थे। इस बैठक में पार्टी के विभिन्न प्रावधानों पर विचार-विमर्श किया गया और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए संभावित संवैधानिक पहलुओं पर गहन चर्चा हुई।
संविधान संशोधन कमेटी ने करीब एक दर्जन संशोधनों का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें पंचायत और जिला कमेटियों के अधिकारों में वृद्धि की बात की गई है। इसके साथ ही, पार्टी के पदाधिकारियों को अधिक उत्तरदायी और प्रभावशाली बनाने पर भी जोर दिया गया है।
पार्टी महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि संशोधन प्रस्ताव को ड्राफ्ट रूप दिया जा रहा है, जिसे महाधिवेशन में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, “बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी का दायरा बढ़ा है और अब प्रत्येक कार्यकर्ता की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। हम चाहते हैं कि पार्टी के नेता जनता के प्रति अधिक जवाबदेह बनें और सांसद-विधायक भी सांगठनिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाएं।”
महाधिवेशन में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावित संशोधनों को पूरी पार्टी की सहमति से पास किया जाएगा। पांडेय ने स्पष्ट किया कि कमेटी केवल सुझाव दे सकती है, जबकि अंतिम निर्णय पार्टी के सभी सदस्यों की सहमति से ही लिया जाएगा।