प्रकृति पूजा व नए साल के शुरुआत का प्रतीक है सरहुल पर्व – विधायक एमटी राजा

राजमहल: राजमहल प्रखंड के कल्याणचक रेलवे मैदान में मंगलवार को आदिवासी संघर्ष सरना समिति, राजमहल एवं तालझारी द्वारा सरहुल पर्व मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजमहल विधायक मो. ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा एवं विशिष्ट अतिथि एसडीओ सदानंद महतो, एसडीपीओ विमलेश त्रिपाठी उपस्थित थे। वहीं, विधायक प्रतिनिधि मो. मारूफ, राधानगर थाना प्रभारी अमर मिंज, जिला परिषद सदस्य सुष्मिता देवी सहित कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। आयोजन समिति ने अतिथियों का स्वागत सखुआ के फूल व डाली देकर किया और अंग वस्त्र देकर उन्हें सम्मानित भी किया। सरना धर्म के विधि-विधान से वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना की गई, जिसमें विधायक एवं पदाधिकारी भी शामिल हुए। प्रकृति की पूजा के उपरांत नववर्ष के आगमन को लेकर उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर सरहुल की बधाइयां दीं।

विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि सरहुल प्रकृति का पर्व है और यह नए वर्ष के आगमन का प्रतीक भी है। आदिवासी समाज सखुआ के पेड़ में फूल आने पर सरहुल पर्व मनाता है। यह पर्व जल, जंगल और जमीन से जुड़ा हुआ है और आदिवासी संस्कृति की समृद्ध धरोहर को दर्शाता है।

इससे पूर्व जमालपुर गांव में सरहुल पूजा संपन्न हुई, जिसके बाद पदयात्रा निकाली गई। सरना समुदाय के लोगों ने पारंपरिक नृत्य करते हुए कल्याणचक रेलवे मैदान तक यात्रा की। यहां सरना पूजा स्थल पर पारंपरिक पूजा-अर्चना की गई। इसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संतलाल तिग्गा ग्रुप द्वारा भजन एवं पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति दी गई।

इस भव्य आयोजन में राजेश मंडल, सुखवा उरांव, दुखनी खाखा, दिलीप उरांव, राजेश बड़ा, माही टोप्पो, ललिता कुजूर, संतलाल तिग्गा, नेहरू टोप्पो, काशी उरांव, मशीह टुडू, सुनीता सोरेन, बंटी कुमार, विशाल कुमार, झगड़ू उरांव, श्रीकांत मंडल, भानु कुमार साहा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

सरहुल पर्व की यह भव्यता दर्शाती है कि आदिवासी समाज अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोकर रख रहा है और आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति प्रेम एवं सांस्कृतिक मूल्यों का संदेश दे रहा है।

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