गोड्डा में कुड़मी समाज का ‘रेल टेका डहर छेका’ आंदोलन: पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी

संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क राँची

20 सितंबर 2025 को गोड्डा जिले में कुड़मी समाज द्वारा आयोजित ‘रेल टेका डहर छेका’ (रेल रोको, सड़क घेरो) आंदोलन के मद्देनज़र जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया। गोड्डा नगर थाना प्रभारी और सार्जेंट मेजर ने विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया और कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की तैयारी की।

आंदोलन की पृष्ठभूमि:

कुड़मी समाज ने अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर यह आंदोलन शुरू किया है। समाज के नेताओं का कहना है कि उनकी यह मांगें लंबे समय से लंबित हैं और अब वे इसे लेकर सक्रिय हो गए हैं।

गोड्डा में पुलिस प्रशासन की तैयारी:

गोड्डा नगर थाना प्रभारी और सार्जेंट मेजर ने जिले के विभिन्न स्थानों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय पुलिस बल के साथ बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

आंदोलन का प्रभाव:

गोड्डा जिले में आंदोलन के दौरान कुछ स्थानों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन पुलिस की तत्परता और सक्रियता के कारण स्थिति नियंत्रण में रही। आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर अपनी मांगों का समर्थन किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें समय रहते वहां से हटा दिया।

गोड्डा जिले में कुड़मी समाज के ‘रेल टेका डहर छेका’ आंदोलन के दौरान पुलिस प्रशासन की तत्परता और मुस्तैदी ने स्थिति को नियंत्रण में रखा। आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को प्रस्तुत किया, और पुलिस ने उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश देकर किसी भी अप्रिय घटना से बचाव किया। यह घटना दर्शाती है कि जब प्रशासन और समाज मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी आंदोलन को शांतिपूर्ण और सफल बनाया जा सकता है।

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