रांची/झारखंड :
झारखंड में कुड़मी समाज द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग को लेकर शनिवार से बड़े पैमाने पर ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू कर दिया गया है। आंदोलनकारियों ने सुबह से ही कई जिलों में रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया, जिससे रेल परिचालन पूरी तरह बाधित हो गया है। बड़ी संख्या में लोग नारेबाजी करते हुए पटरियों पर बैठ गए और “रेल टेका डहर छेका” आंदोलन का ऐलान कर दिया।
कई जिलों में रेल सेवाएं प्रभावित
राजधानी रांची समेत विभिन्न जिलों के रेलवे स्टेशनों पर आंदोलनकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही रांची स्टेशन पर आंदोलनकारी झंडा लहराते हुए ट्रैक पर बैठे नजर आए। वहीं, मूरी स्टेशन के पास हजारों की भीड़ इकठ्ठा हो गई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। रेलवे प्रशासन के अनुसार, आंदोलन के कारण कई यात्री और मालगाड़ियां प्रभावित हुई हैं तथा ट्रेनें जगह-जगह खड़ी कर दी गई हैं।
सुरक्षा बलों की तैनाती
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रेलवे ट्रैक और स्टेशन परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। प्रशासन लगातार आंदोलनकारियों से बातचीत की कोशिश कर रहा है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
कुड़मी समाज लंबे समय से अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग कर रहा है। समाज का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। समाज के नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
यात्रियों को भारी परेशानी
रेलवे ट्रैक जाम होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। लंबी दूरी की ट्रेनें घंटों लेट हो गईं और कई जगहों पर ट्रेनें कैंसिल करनी पड़ीं। रेलवे स्टेशनों पर यात्री फंसे हुए हैं, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
प्रशासन की अपील
झारखंड प्रशासन ने आंदोलनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से मांग रखने की अपील की है। वहीं, यात्रियों से धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया गया है। रेल सेवाओं को बहाल करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
-यह आंदोलन झारखंड में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है। आने वाले दिनों में इसका असर और व्यापक हो सकता है यदि बातचीत से हल नहीं निकलता।