रांची : झारखंड के 27 वर्षीय मरीज़ मोहम्मद इरफ़ान को नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल, मुकुंदपुर मे सफल ह्रदय प्रत्यारोपण के बाद नई ज़िन्दगी मिली. इस सफल सर्जरी का नेतृत्व डॉ ललित कपूर और डॉ अयन कर ने किया उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा की मरीज़ इरफ़ान को बचपन 9 वर्ष से ही हृदय रोग था. 9 साल की उम्र 2008 में डॉ ललित कपूर ने इरफान की वॉल्व प्रत्यारोपण किया था. बाद में धीरे-धीरे उनके हृदय की स्थिति खराब होती गई और आखिरकार अंतिम चरण में हृदय फेलियोर तक पहुंच गए जहां दवाइयां से उन्हें जीवित रखना मुश्किल था. विवाहित और एक बच्चे के पिता इरफ़ान में इस वर्ष की शुरुआत मे गंभीर लक्षणों के साथ फिर डॉक्टर ललित कपूर के पास वापस आए, जांच में पाया गया कि उनकी जान केवल हार्ट ट्रांसप्लांट से ही बचाई जा सकती है.डॉ ललित कपूर ने कहा कि समय पर डोनर ऑर्गन मिल जाने के कारण नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल प्रबंधन के सहयोग से सफलतापूर्वक सर्जरी की गई डॉ ललित कपूर ने कहा हार्ट ट्रांसप्लांट सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन सबसे संतोषजनक प्रक्रिया में से एक है भारत में हर साल लगभग 220 से 230 ऐसी सर्जरी होती है जबकि अमेरिका में यह संख्या 3000 है. लोगों में ऑर्गन डोनर के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है. नारायणा हेल्थ ग्रुप सीईओ आर वेंकटेश ने कहा नारायणा हेल्थ पूरे देश में मजबूत ट्रांसप्लांट प्रोग्राम बना रहा है जो के जो केवल उन्नत चिकित्सा देखभाल ही नहीं बल्कि अंगदान की प्रणालिगत स्थान को भी दूर करेगा.. नारायणा हेल्थ के डायरेक्टर अभिजीत ने कहा नारायणा आरए न टैगोर हॉस्पिटल पूर्वी भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट का एक प्रमुख केंद्र है और अब तक 45 सफल ट्रांसप्लांट कर चुका है
