पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 7 साल की सजा, पत्नी मेनन एक्का समेत नौ दोषी करार

रांची । झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने जमीन घोटाले के मामले में दोषी पाते हुए सात-सात साल की कठोर सजा सुनाई है। दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने इस मामले में कुल नौ लोगों को दोषी ठहराया है, जिनमें पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और कई अन्य सहयोगी शामिल हैं।

क्या है मामला?

यह मामला 15 साल पुराना है और सीधे तौर पर सीएनटी एक्ट (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) के उल्लंघन से जुड़ा है। आरोप है कि मंत्री रहते हुए एनोस एक्का ने पद का दुरुपयोग किया और फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त की। जांच में यह भी सामने आया कि इस काम में तत्कालीन एलआरडीसी (भूमि संसाधन उप समाहर्ता) कार्तिक कुमार प्रभात समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने मदद की थी।

जमीन की खरीद-फरोख्त

सीबीआई की जांच रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2006 से मई 2008 के बीच एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर बड़ी मात्रा में जमीन खरीदी गई। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं जिसमें हिनू में 22 कट्ठा जमीन,ओरमांझी में 12 एकड़ जमीन,नेवरी में 4 एकड़ जमीन,चुटिया (सिरम टोली मौजा) में 9 डिसमिल जमीन

अदालत का फैसला

एनोस एक्का: 7 साल की कठोर कैद और 1 लाख रुपये जुर्माना।
मेनन एक्का: 7 साल की कठोर कैद और 1.5 लाख रुपये जुर्माना। जुर्माना न देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा।
कार्तिक कुमार प्रभात (तत्कालीन एलआरडीसी): 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माना।
मनीलाल महतो, ब्रजेश्वर महतो, अनिल कुमार और फिरोज अख्तर: 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माना।
अन्य दो आरोपियों को 4-4 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना।

बड़ा राजनीतिक संदेश

झारखंड की राजनीति में एनोस एक्का कभी प्रभावशाली आदिवासी नेता माने जाते थे। लेकिन यह फैसला न केवल उनके राजनीतिक करियर पर बड़ा धक्का है, बल्कि राज्य में जमीन घोटालों और भ्रष्टाचार से निपटने की दिशा में अदालत का कड़ा संदेश भी माना जा रहा है।

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