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झारखंड पुलिस की जुलाई कार्रवाई: माओवादियों पर बड़ा प्रहार, साइबर अपराधियों पर भी शिकंजा

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रांची।

झारखंड पुलिस ने जुलाई महीने में सुरक्षा अभियानों के तहत माओवादियों और अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस की दबिश से जहां कई माओवादी आत्मसमर्पण को मजबूर हुए, वहीं दर्जनों गिरफ्तार भी किए गए। इसके साथ ही साइबर अपराध के मामलों में भी पुलिस ने निर्णायक कदम उठाए।


माओवादी मोर्चे पर बड़ी कामयाबी

गिरफ्तारियाँ: 28 माओवादी गिरफ्तार, 1 ने आत्मसमर्पण किया।

मुठभेड़: 4 माओवादी ढेर।

बरामद हथियार: 10 हथियार जब्त (जिनमें 5 पुलिस से लूटे गए – 2 AK-47, 2 इंसास, 1 SLR, और 5 देसी हथियार)।

अन्य बरामदगी: 544 कारतूस, 5 बंकर, 18,020 डेटोनेटर और 95 IED बरामद व नष्ट।

लेवी की राशि: 35.02 लाख रुपये, जिनमें से 34.99 लाख जमीन में गाड़े गए डब्बों से मिले।

प्रमुख नाम

गिरफ्तार: जेजेएमपी एरिया कमांडर प्रवीण एक्का

आत्मसमर्पण: सब जोनल कमांडर लवलेश गंझू

मारे गए: कुंवर मांझी उर्फ शहदेव मांझी, दिलीप लोहरा उर्फ दीपक लोहरा, समुंद्र लोहरा, सुनील मुंडा, बलदेव मांझी


साइबर अपराध पर शिकंजा

केस दर्ज: 108

गिरफ्तारियाँ: 38 आरोपी

बरामदगी: 1.82 लाख रुपये नकद, 78 मोबाइल, 97 सिम, 24 एटीएम, पासबुक, चेकबुक, लैपटॉप और बाइक।

आर्थिक कार्रवाई: 2,073 शिकायतों पर कार्रवाई, 2.19 करोड़ रुपये फ्रीज, 32.27 लाख रुपये पीड़ितों को लौटाए गए।

अन्य पुलिस कार्रवाइयाँ

7,298 वारंट निष्पादित

2,333 गिरफ्तारी

171 वाहन जब्त

82 हथियार और 354 कारतूस जब्त

पॉक्सो (यौन अपराध) मामलों में 278 केस 60 दिनों की समयसीमा में निपटाए गए।

झारखंड पुलिस की जुलाई की कार्रवाई ने न केवल माओवादी नेटवर्क को गहरी चोट पहुंचाई, बल्कि साइबर अपराध और पारंपरिक अपराध पर भी मजबूत शिकंजा कसा। हथियारों और लेवी की भारी बरामदगी यह संकेत देती है कि पुलिस का अभियान राज्य में नक्सल प्रभाव को कमजोर करने में कारगर साबित हो रहा है।

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