नई दिल्ली।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में युवाओं और समाज से जुड़े एक गंभीर मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आज देश का कोई ऐसा गांव या घर नहीं है, जहां के युवा और बच्चे ऑनलाइन गेमिंग की लत में न फंसे हों। यह लत न केवल युवाओं का समय और मानसिक स्वास्थ्य खराब कर रही है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें बर्बादी की ओर धकेल रही है।
सांसद दुबे ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग युवाओं के बीच आत्महत्या का एक बड़ा कारण बन चुका है। खेल-खेल में पैसा लगाने की प्रवृत्ति से कई घर तबाह हो गए हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं की मेहनत की कमाई और घर-परिवार की जमा पूंजी इस जाल में डूब रही है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि मोदी सरकार इस गंभीर समस्या को लेकर पूरी तरह सजग है और युवाओं, महिलाओं एवं गरीबों के हितों की रक्षा के लिए एक बड़ा बिल लेकर आई है। दुबे ने कहा, “मुझे लगता है कि इस बिल को पास करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, क्योंकि यह सीधे-सीधे समाज और परिवारों के हित से जुड़ा है।”
जानकारों का मानना है कि सरकार द्वारा लाया जा रहा यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त नियंत्रण और नियमन की दिशा में अहम कदम होगा। इसका मकसद युवाओं को लत, आर्थिक नुकसान और मानसिक दबाव जैसी समस्याओं से बचाना है।
सांसद दुबे के बयान के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बिल पर विपक्ष भी समर्थन देगा, ताकि युवाओं के भविष्य और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संकेत साफ हैं कि आने वाले दिनों में ऑनलाइन गेमिंग पर केंद्र सरकार की कड़ी नकेल कस सकती है।