“ये कैसा इश्क! — एकतरफा प्यार का खूनी अंजाम”

संथाल हूल एक्सप्रेस सेंट्रल डेस्क


दिल्ली, जहांगीरपुरी।
एकतरफा इश्क, जुनून और खतरनाक पागलपन का ऐसा मंजर दिल्ली ने देखा कि हर आंख नम हो गई, और हर दिल दहल उठा। 15 वर्षीय नेहा (काल्पनिक नाम) एक सामान्य दिन की तरह डॉक्टर के पास दवा लेने गई थी, लेकिन यह उसकी जिंदगी का आखिरी दिन बन जाएगा – किसी ने सोचा भी नहीं था।

गोलियों की तड़तड़ाहट से कांपा इलाका
जहांगीरपुरी का डी-ब्लॉक सोमवार की दोपहर गोलियों की आवाज से दहल उठा। एक स्थानीय डॉक्टर के क्लीनिक में बैठी नाबालिग नेहा पर उसी के मोहल्ले के युवक आर्यन (20) ने चार गोलियां दाग दीं। पहला वार कंधे पर, दूसरा पेट में, और दो गोलियां सीधे सीने में उतार दीं। चंद सेकंड में सब कुछ खत्म हो गया। क्लीनिक की जमीन खून से लाल हो गई, और इंसानियत शर्मसार।

सहेली की चीख, डॉक्टर की बेबसी
नेहा के साथ उसकी सहेली भी मौजूद थी, जो चीखती रही, मदद की गुहार लगाती रही। डॉक्टर भी सदमे में था, कुछ समझ ही नहीं पाया। आर्यन हथियार लहराते हुए मौके से फरार हो गया। लोग तब तक तमाशबीन बने रहे, जब तक नेहा की सांसें पूरी तरह थम नहीं गईं।

कातिल कौन? क्यों हुआ कत्ल?
जांच में सामने आया कि आर्यन और नेहा पहले परिचित थे। कुछ समय दोस्ती भी रही, लेकिन जैसे ही नेहा ने दूरी बनानी शुरू की, आर्यन की मानसिक स्थिति बिगड़ती गई। वह उसे लगातार परेशान करता रहा – पीछा करना, धमकियां देना, और जबरन बात करने की कोशिश करना। यह मामला केवल एकतरफा मोहब्बत नहीं था, यह जुनूनी पागलपन का खतरनाक उदाहरण था।

दो समुदायों के बीच तनाव
नेहा और आर्यन दो अलग-अलग समुदायों से थे। वारदात के बाद डी-ब्लॉक में तनाव फैल गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल, क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक टीमें तैनात कर दी गईं हैं। इलाके में धारा 144 लगा दी गई है ताकि कोई सांप्रदायिक रंग न ले।

पुलिस जांच जारी, आर्यन फरार
पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आर्यन की तलाश तेज कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी है, लेकिन आरोपी अब तक फरार है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।


सवाल उठता है – क्या ये इश्क था?
जब प्यार पागलपन बन जाए और मौत का कारण बन जाए, तो क्या उसे इश्क कहा जा सकता है? नेहा के परिवार ने एक बेटी खोई, समाज ने एक मासूम का बचपन। यह कहानी सिर्फ एक वारदात नहीं, एक चेतावनी है – कि अगर समय रहते ऐसे जुनून पर लगाम न लगाई जाए, तो अगला नंबर किसी और का हो सकता है।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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