संथाल हूल एक्सप्रेस राँची डेस्क
साहिबगंज, 2 अगस्त 2025:
जिले के गंगा दियारा क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ जब एक नाव पलटने से चार युवक गंगा की तेज धार में बह गए। हादसा गदाई दियारा क्षेत्र में उस वक्त हुआ जब एक ओवरलोड नाव में सवार 31 लोग गंगा नदी पार कर रहे थे। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। 28 लोग किसी तरह तैरकर सुरक्षित बाहर आ गए, जबकि चार युवक नदी में डूब गए। इनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रांगा थाना क्षेत्र के बिंदुवासनी मंदिर के पास स्थित एक गांव से 17 आदिवासी युवक पारंपरिक ढंग से चूहे पकड़ने के लिए सुबह-सुबह निकले थे। बरसात के मौसम में बिलों में पानी भरने से चूहे बाहर आ जाते हैं, ऐसे में दियारा इलाके में शिकार के लिए जाना स्थानीय परंपरा का हिस्सा है। युवक पहले सुरक्षित गंगा पार कर गए थे, लेकिन लौटते समय नाव पर जरूरत से ज़्यादा लोगों के सवार होने से नाव असंतुलित होकर पलट गई।
डूबने वाले चारों युवक आदिवासी समुदाय से हैं। हादसे के तुरंत बाद कुछ युवकों ने बहादुरी दिखाते हुए काहा हांसदा नामक युवक को पानी से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अन्य लापता युवकों की पहचान कृष्णा, जमाई और एक अन्य युवक के रूप में की गई है। इनकी तलाश के लिए स्थानीय पुलिस और बचाव दल जुटे हुए हैं।
जिला प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। डीसी हेमंत सती ने बताया कि एनडीआरएफ की विशेष टीम को पटना के बिहटा से बुलाया गया है, जो पूरे बाढ़ सीजन में साहिबगंज में तैनात रहेगी। फिलहाल स्थानीय गोताखोरों की मदद से डूबे लोगों को खोजने का प्रयास जारी है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला सदर अस्पताल भेजा गया है।
घटना ने जिले भर में शोक की लहर फैला दी है। ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष भी देखने को मिल रहा है कि मानसून और बाढ़ के मौसम में नदी पार कराने वाली नावों की कोई निगरानी नहीं की जा रही है। हादसे में बचे युवकों – सपना दामुदा, सुबरा मरांडी और राम किस्कू – ने बताया कि उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि गंगा का जलस्तर इतना बढ़ चुका है।
प्रशासन की ओर से चेतावनी:
डीसी साहिबगंज ने आम जनता से अपील की है कि वे बाढ़ और बरसात के इस मौसम में बिना प्रशासनिक अनुमति और सुरक्षा उपायों के नाव यात्रा न करें। साथ ही, नाविकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे ओवरलोडिंग न करें, वरना उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह हादसा न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन और जन सुरक्षा की अनदेखी पर एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है।