जब सूरज की तपिश लोगों को घरों में कैद कर देती है, या जब बादल गरजते हैं और बारिश की धार सब कुछ बहा ले जाती है ।तब भी महागामा अनुमंडल के डीएसपी चंद्रशेखर आज़ाद अपने फ़र्ज़ से एक कदम भी पीछे नहीं हटते।

उनकी डिक्शनरी में “आराम”, “छुट्टी” या “परिस्थिति” जैसे शब्दों का कोई स्थान नहीं है। चाहे जंगलों की कठिन राहें हों, पहाड़ों की ऊंचाइयाँ, या फिर हाईवे पर कानून व्यवस्था की चुनौती — चंद्रशेखर आज़ाद हर मोर्चे पर एक योद्धा की तरह डटे रहते हैं।
जहां आम लोग बारिश का आनंद घरों में बैठकर ले रहे होते हैं, वहीं आज़ाद सड़कों पर, गांवों में, नक्सली इलाकों में और गुप्त अभियानों में लगे होते हैं। उनके लिए ये सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन है — जनता की सुरक्षा और अपराधियों पर कानून का शिकंजा कसना।
डीएसपी चंद्रशेखर आज़ाद न सिर्फ एक कर्मठ पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन चुके हैं। उनकी कार्यशैली, अनुशासन और निडरता ने नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और प्रशासन की पकड़ को मज़बूत किया है।