रांची | विशेष संवाददाता
झारखंड में एक बार फिर सत्ता की चमक सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस बार मामला सीधे स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बेटे से जुड़ा है, जिनका एक वीडियो झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (RIMS) से वायरल हुआ है। वीडियो में देखा जा सकता है कि मंत्री पुत्र कृष अंसारी अपने दोस्तों के साथ अस्पताल का औचक निरीक्षण कर रहे हैं, मरीजों से बातचीत कर रहे हैं, और यहां तक कि बिल के चार्जेज पर सवाल उठा रहे हैं।
“झारखंड है भईया… यहां कुछ भी हो सकता है”
वीडियो में कृष अंसारी का एक मित्र मरीजों से कहता दिख रहा है — “ये मंत्री जी का बेटा है, कोई समस्या हो तो बताइए।” इसके बाद कृष खुद मरीजों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। एक जगह वह किसी मरीज के बिल पर लगे शुल्कों को “इनवैलिड” तक बता रहे हैं।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं —
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क्या मंत्री जी का बेटा कोई सरकारी अधिकारी है?
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क्या किसी मंत्री का बेटा अस्पताल का निरीक्षण कर सकता है?
भाजपा का हमला: “यह है सरकार का असली चेहरा”
मामले को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है।
“एक गैर अधिकृत व्यक्ति रिम्स जैसे अति संवेदनशील स्वास्थ्य संस्थान में घूमता रहा, यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल है।”
भाजपा ने रिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग से यह भी पूछा है कि क्या कृष अंसारी को अस्पताल के अंदर निरीक्षण करने की कोई अनुमति दी गई थी?
सियासी तूफान के बीच सरकार मौन!
इस पूरे विवाद पर स्वास्थ्य विभाग या मंत्री इरफान अंसारी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं जनता और विपक्ष सवाल उठा रहे हैं कि क्या झारखंड में मंत्री के बेटे को भी ‘साहब’ का दर्जा मिल गया है?
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि झारखंड में सत्ता का इस्तेमाल अब सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह ‘पारिवारिक अधिकार’ बनता जा रहा है।