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तीनपहाड़ में भटकती दुमका की किशोरी को समाजसेवी और पुलिस ने मिलाया परिवार से

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जितेन्द्र सेन जिछु

तीनपहाड़। सोमवार की सुबह तीनपहाड़ की गलियों में इंसानियत की एक जीवंत तस्वीर देखने को मिली, जब एक डरी-सहमी संथाली भाषा बोलने वाली किशोरी भूखी-प्यासी हालत में लोहिया भवन के समीप असहाय अवस्था में बैठी मिली। यह दृश्य किसी भी संवेदनशील इंसान का हृदय झकझोर देने वाला था। पर सौभाग्यवश यह घटना उस जगह घटी, जहां संवेदना और मानवता अभी भी जीवित है। जानकारी के अनुसार, उक्त किशोरी दुमका जिले के रानीश्वर थाना क्षेत्र अंतर्गत कुचिअदाली गांव की निवासी है, जो किसी कारणवश भटककर तीनपहाड़ पहुंच गई थी। लोहिया भवन के समीप वह जब सहमी अवस्था में बैठी थी, तब वहां से गुजर रहे समाजसेवी अब्दुल्ला मुस्तफा अंसारी के परिवार की नजर उस पर पड़ी। किशोरी की हालत देखकर उन्होंने तुरंत मानवीय पहल करते हुए उसे अपने घर ले गए। सबसे पहले उसे भोजन कराया गया, फिर बातचीत के माध्यम से उसकी स्थिति समझने का प्रयास किया गया। किशोरी के पास एक मोबाइल था, जो बंद पड़ा था। समाजसेवी ने उसे चार्ज किया और उसके माध्यम से संपर्क सूत्रों की जानकारी जुटाई। तत्परता दिखाते हुए उन्होंने तीनपहाड़ थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार पांडे को सूचना दी। थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत अपनी टीम के साथ कार्यवाही शुरू की। थाना बुलाए जाने पर किशोरी से संवाद स्थापित किया गया और मोबाइल के माध्यम से उसकी पहचान सुनिश्चित की गई। इसके बाद रानीश्वर थाना क्षेत्र के संबंधित परिजनों से संपर्क साधा गया। तीनपहाड़ थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार पांडे ने मामले में अत्यंत संवेदनशीलता और तत्परता दिखाई। उन्होंने बताया जैसे ही हमें सूचना मिली, हमने तुरंत हर स्तर पर प्रयास शुरू किया। हमारे लिए यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक बच्ची की सुरक्षा और उसके भविष्य से जुड़ा सवाल था। खुशी है कि हम उसे सकुशल उसके परिवार तक पहुंचा सके। पांडे ने समाजसेवियों की भूमिका को भी सराहा और कहा कि ऐसे नागरिक समाज की रीढ़ होते हैं जो बिना भेदभाव के सहायता करते हैं। कुछ ही घंटों में किशोरी के मामा मालीन्द मरांडी व अन्य परिजन तीनपहाड़ पहुंचे। थाना में कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्ची को सौंप दिया गया। परिजनों ने थाना पुलिस एवं समाजसेवी परिवार के प्रति विशेष धन्यवाद प्रकट किया। मामा ने कहा हम कई घंटों से परेशान थे, चारों तरफ तलाश कर रहे थे। तीनपहाड़ थाना से सूचना मिलते ही हमें उम्मीद की किरण दिखाई दी। हम तहे दिल से पुलिस और समाजसेवी का आभार व्यक्त करते हैं। इस घटना ने साबित किया कि समाज में अच्छे लोग आज भी मौजूद हैं। यह एक मिसाल है कि यदि समाज सजग हो और पुलिस तत्पर, तो कोई भी संकट बड़ी आपदा बनने से पहले टल सकता है। तीनपहाड़ की इस घटना ने यह दिखा दिया कि जब समाज और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करें, तो हर खोई हुई बेटी को फिर से उसकी मुस्कान लौटाई जा सकती है। यह खबर केवल एक रेस्क्यू की कहानी नहीं, बल्कि इंसानियत की एक जीवंत गवाही है।
तीनपहाड़ थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार पांडे ने कहा कि किसी भी असहाय की मदद करना पुलिस की जिम्मेदारी है। हम हर ऐसी सूचना पर तत्काल कार्य करते हैं। उन्होंने समाजसेवियों के सहयोग की सराहना की।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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