संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची:राजधानी रांची की सड़कों पर शनिवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब सैकड़ों की संख्या में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में अटल वेंडर मार्केट से फिरायालाल चौक की ओर रवाना हुए। इस रंगारंग और सशक्त प्रदर्शन के पीछे उद्देश्य गंभीर था ,रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार से न्याय की मांग।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही सामाजिक संस्था उत्थान के सचिव अमरजीत सिंह ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय वर्षों से सरकार से बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की गुहार लगा रहा है, लेकिन उनकी आवाज़ अब तक अनसुनी की जाती रही है। उन्होंने कहा,हमने कई बार ज्ञापन सौंपे, धरने दिए और अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन अब तक न कोई ठोस कदम उठाया गया और न ही किसी योजना में हमें बराबरी से शामिल किया गया। क्या हम इंसान नहीं हैं?
प्रदर्शन की विशेषताएं:
परंपरागत नृत्य और संगीत: विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी प्रदर्शित किया। ढोल-नगाड़ों की थाप और पारंपरिक नृत्यों ने माहौल को जीवंत कर दिया, लेकिन इसके पीछे छुपा था लंबे समय से उपेक्षित समुदाय का दर्द।
शांतिपूर्ण और अनुशासित आंदोलन: जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण था, जिसमें ट्रैफिक व्यवस्था को प्रभावित किए बिना प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात रखी।
प्रमुख मांगें:
- आवास सुविधा – ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से सरकारी आवास या सामूहिक आवास योजना का प्रावधान।
- रोजगार अवसर – स्किल ट्रेनिंग और सरकारी नौकरियों में आरक्षण।
- स्वास्थ्य सेवाएं – ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष स्वास्थ्य केंद्र और मुफ्त इलाज की सुविधा।
- शिक्षा में सहयोग – छात्रवृत्ति और उच्च शिक्षा के लिए विशेष कोटा।
- सामाजिक सम्मान और सुरक्षा – पुलिस व प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता।