कवल पंचायत के मुखिया ने फर्जी जॉब कार्ड बना कर डकार लिए मनरेगा की राशिछतरपुर पलामूछत्तरपुर प्रखंड के कवल पंचायत में चल रहे योजनाओं में भारी अनियमितता और सरकारी पैसा का बंदर बाट का मामला सामने आया है। इस बात की जानकारी मनरेगा लोकपाल ने जांच के बाद मीडिया के सामने रखी। लोकपाल ने बताया कि अभी तक मै जितना भी योजनाओं का जांच पड़ताल किया उन सभी योजनाओं में भारी अनियमितता पाया गया। जांच के क्रम में पाया गया कि कवल पंचायत के मुखिया अनुज कुमार सिंह अपने दो नाबालिक बच्चे नाम पर जॉब कार्ड बना कर फर्जी तरीके से सभी योजनाओं का पैसा हज़म कर रहे हैं। मुखिया अनुज कुमार सिंह ने अपने 14 वर्षीय पुत्री कुमारी पीहू सिंह जिसका जॉब कार्ड संख्या(4003/585) से एक फरवरी 2023 को जबकि अपने 12 वर्षीय पुत्र अंश कुमार सिंह जिसका जॉब कार्ड संख्या 4003/585 से अठारह फरवरी को बनाया। वहीं मुखिया ने 16 योजनाओं में अपने पुत्र और पुत्री को उपस्थिति दिखा कर 32000 हज़ार रुपए जबकि मुखिया अनुज अपने पुत्र अंश कुमार सिंघ के नाम पर 16 योजनाओं में उपस्थिति दिखा कर 32000 रुपए लगभग की फर्जी निकासी ब्लॉक के कर्मी और नरेगा मनरेगा के वरीय कर्मियों के मिली भगत से निकासी कर लिया गया। वहीं मिली जानकारी के अनुसार कुमारी पीहू सिंह और अंश कुमार सिंह मेदिनीनगर में रह कर पढ़ाई करते हैं। तो दूसरी तरफ कवल पंचायत में चल रही सभी प्रकार के सरकारी योजनाओं में काम करते हैं। आखिर ये कैसा विडंबना है।

लोकपाल ने योजनाओं को किया जांच तो पाया भरी अनियमितता
आपको बताते चले कि कवल पंचायत में आंख मिचौली के खेल को पर्दा उठाने के लिए पूर्व मुखिया प्रत्याशी टाइगर सीके यादव ने लिखित दे कर झारखंड सरकार से जांच की मांग किया था जिसके आलोक में विभाग द्वारा जांच टीम गठित कर जांच शुरू किया गया। जांच के क्रम में मनरेगा लोकपाल शंकर कुमार ने कार्य स्थल का निरीक्षण शुरू किया तो जांच के दौरान भारी अनियमितता मिली। मुखिया अनुज सिंह द्वारा अपने नाबालिक पुत्री व पुत्र के नाम पर जॉब कार्ड बना कर फर्जी निकासी करने का आरोप सही पाया। वहीं मुखिया ने भी मनरेगा लोकपाल के समक्ष स्वीकार किया कि मैने अपने नाबालिक बच्चों के नाम पर जॉब कार्ड बना कर पैसा की निकाशी किया हु। वहीं जांच के क्रम में रंजन भुइयां के खेत में चल रहे योजना को मात्र 15 फीट खुदाई कर 1.20 लाख रुपए की निकासी करने जबकि अजित यादव के खेत में मशीन द्वारा कार्य करने का मामला सामने आया। वहीं जांच के क्रम में पाया गया कि मुखिया अनुज सिंह के द्वारा शेड निर्माण आम बागवानी कूप निर्माण डोभा निर्माण सहित सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में अनियमितता बरती गई हैं। जो माफ़ी के लायक नहीं हैं। वही लोकपाल महोदय ने बताया कि पूरे मामले का रिपोर्ट अपर सचिव को दी जायेगी। योजनाओं में संवेदक के द्वारा जो अनियमितता बरती गई हैं उसमें मुख्य रूप से मुखिया, प्रखंड के बीपीओ रोज़गार सेवक पंचायत सचिव सहित अन्य पदाधिकारियों की संलिप्तता हैं।

मुखिया अनुज सिंह थे भारतीय सेना

आपको बताते चलें कि मुखिया अनुज सिंह भारतीय सेना से सेवानिवृत हो कर जब अपने गांव कवल आए तो वहां के लोगों में एक नया ऊर्जा प्राप्त हुई लेकिन जब से वह मुखिया बने तब से एक से बढ़ कर एक काला कारनामा करना शुरू कर दिए। आज से कुछ दिन पूर्व में मुखिया अनुज सिंह के द्वारा कवल पंचायत के लामातर टोला में लगभग 3 से 4 एकड़ में अफ़ीम की खेती किया गया था जो पूर्ण रूप से से अवैध माना जाता हैं। किंतु पैसे और लगाव के बदौलत उस मामला में भी लीपा पोती करने में सफल रहे। अब देखना यह होगा कि पंचायत के जो भी योजनाएं में अनियमितता बरते हैं उसमें भी करवाई होती हैं या फ़िर इसमें भी लीपा पोती होगी। अब तो संदेह यह भी होने लगी है कि क्या अनुज सिंह सेना में भी इसी प्रकार से कायराना हरकत करते थे या पंचायत में आने के बाद। जो व्यक्ति देश सेवा किया हो देश के सर्वोच्च सेना से सेवानिवृत हुआ हो वह व्यक्ति उस तरह के हरकत करेंगे तो फ़िर आम जानो को क्या होगा। इन सभी बातों की जानकारी टाइगर सीके यादव ने दिया।

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