चित्रा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा एक दिवसीय सम्मेलन

रणधीर सिंह ने चितरा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा गठन के नाम पर विस्थापितों व यूनियनों को किया गोलबंद

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

देवघर : जिले के चितरा 26 मई को कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चों सम्मलेन पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह के नेतृत्व में स्थानीय बैडमिंटन हॉल में चितरा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा का गठन कर एक दिवसीय सम्मेलन करते हुए कोलियरी के अधिकांश मजदूर यूनियन, विस्थापित व कैजुअल मजदूरों को एक मंच लाकर ट्रेड यूनियन मोर्चा के नाम पर सभी को गोल बंद करने का काम किया। जिसको लेकर सम्मेलन में अधिकांश मजदूर संगठन, विस्थापित, कोयला कर्मी, कैजुअल मजदूर व कोलियरी प्रभावित ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। बता दें कि चितरा कोलियरी में कार्यरत मजदूरों की समस्या समाधान लेकर कई मजदूर यूनियन संघर्षरत हैं। विस्थापितों की समस्या का समाधान, संगठित मजदूर के प्रमोशन का मुद्दा, ओवरटाइम का मुद्दा, विस्थापितों को कोलियरी में जमीन देने के एवज में नौकरी और मुआवजे का मुद्दा, कैजुअलों को रोजी रोजगार देने का मुद्दा, डियो होल्डर, ट्रक मालिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का मुद्दा सहित दर्जनों स्थानीय मुद्दे लेकर प्रबंधन के साथ लगातार संघर्ष करने के बाद भी सभी के साथ अप्रत्यक्ष रूप से नाइंसाफी होने की बात कही गई। जिसको लेकर सभी यूनियन को आमंत्रित करते हुए अपने-अपने एजेंडा पर काम करने के लिए छूट देते हुए स्थानीय‌ काॅमन मुद्दे के समाधान लेकर झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह के नेतृत्व में स्थानीय के हित लेकर सारे यूनियनों को एक ही बैनर तले लाने के लिए चितरा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा का गठन की गई। जिसको लेकर सोमवार को स्थानीय बैडमिंटन हॉल में यूनियनों, मजदूरों व कैजुअलों के सहयोग से ही एक दिवसीय सम्मेलन किया गया। जिसमें कोलियरी मजदूर, कैजुअल मजदूर, विस्थापित, चितरा कोलियरी क्षेत्र के लगभग 12 गांव के कोलियरी प्रभावित की समस्या लेकर समाधान के लिए कोलियरी राष्ट्रीयकरण होने के 51 साल बाद कोलियरी प्रभावित, मजदूर यूनियन आदि को एक ही मंच पर लाकर अधिकांश को गोलबंद करने के लिए पहला मजदूर संगठन का गठन किया गया। जिसमें अधिकांश ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि इस यूनियन में सम्मिलित सभी के सहयोग से एक ही बैनर तले होकर कोलियरी प्रबंधन, सीएमडी, डायरेक्टर टेक्निकल व पर्सनल, उपयुक्त, उप विकास आयुक्त, बीडिओ, सीओ आदि के पास उपरोक्त सभी के हक की लड़ाई लड़कर उसे हक दिलाने के लिए चितरा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा के गठन किया गया है। जिसमें से सात यूनियन में से अखिल झारखंड कोयला श्रमिक संघ, दी झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन, कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस, संथाल परगना कोलियरी कर्मचारी संघ, राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ, बीएमएस सहित कई मजदूर यूनियन के अलावे भारी संख्या में कैजुअल, कोल कर्मचारी के अलावे तुलसीडाबर, जमनिटांड़, राऊतारा, पलमा, खून, ताराबाद सहरजोरी, जरुआड़ीह, जमुआ, ठाढ़ी, टेंगे बेड़ा, चूड़ी कनाली, छाता डंगाल तिलैया, बनकनाली, मालोडीह, धमना, नावाडीह बरमसिया दुधीचुआं आदि गांव से आए विस्थापितों से मिली समस्या को कोलियारी प्रबंधन के समक्ष रखते हुए इसका समाधान करने के लिए उपरोक्त सभी को एक होने का मुख्य उद्देश्य बताया गया। जिसको लेकर कोयला कर्मियों के प्रमोशन, माईनिंग सरदार के हक, विस्थापितों के मुआवजा व नौकरी, कैजुअलों को रोजी रोजगार आदि अधिकार नहीं मिला उसे कैसे अधिकार मिले इन सभी बातों को लेकर इस मंच द्वारा संघर्ष किए जाएंगे। इस मौके पर रणधीर सिंह द्वारा कोलियरी में खून पसीने बहाकर लाखों टन उत्पादन किए गए कोयले को स्टॉक में रखते हुए प्रबंधन द्वारा पिछले 31 मार्च 2025 को इस उपलब्धि नहीं दिखाकर कोयला कर्मियों की कमी दिखाने पर काफी अफसोस व्यक्त करते हुए कोहली जी द्वारा मुनाफा करने की बात कही। कहा की जब 5 लाख 91 हजार टन कोयला डंप में मजदूरों द्वारा उत्पादन कर रखे गए हैं तो फिर बेचने की जिम्मेवारी कोलियरी में कार्यरत कर्मियों की नहीं बल्कि प्रबंधन की है। जिससे दावे के साथ कहा जा सकता है कि कोलियरी घाटे में नहीं बल्कि मुनाफे में थी। लेकिन झूठ का ठीकरा कर्मियों पर तोड़कर प्रबंधन द्वारा अपनी नाकामी को छुपाने की साजिश की जा रही थी। सभी मजदूर यूनियन मोर्चा एक साथ एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए सभी मजदूर विस्थापित ने एक साथ बैठक की जिसके साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। मौके पर महेंद्र प्रसाद राणा, नवल राय, सतीश महतो, कृष्णा पंडित, विलास राय, शंकर मलिक, दिनेश मुर्मू, गोविंद कुमार, संतोष महतो, पंकज सिंह जयराम रजक, नरेश महतो, तिरथनाथ महतो, अमित कुमार सिंह, बिनोद महतो, रामजी साह, हीरालाल यादव, मोहन सिंह नवल सिंह, राजू रजवार, धनंजय सिंह, मनंजय सिंह, गणेशमंडल, सहित भारी संख्या में सभी उपस्थित थे।

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