संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डाॅ० अंजुम आरा की अध्यक्षता में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष ने अपने स्वागत भाषण में अभिभावकों को बताया कि विभाग में छात्रों की उपस्थिति का बहुत महत्व होता है। सी०बी०सी०एस० किस प्रकार कार्य करता है इससे भी उनको अवगत कराया एवं छात्रों की उपस्थिति उनके सर्वांगीण विकास में किस प्रकार योगदान करती है, इस ओर अभिभावकों का ध्यान आकृष्ट कराया। इसके बाद पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ० नकुल पाण्डेय ने अपने अभिभाषण से अभिभावकों एवं छात्रों का मार्गदर्शन किया एवं संस्कृत विषय संबन्धित संभावनाओं से उनको अवगत कराया साथ ही अभिभावकों से उनके बच्चों पर और अधिक ध्यान देने एवं उन्हें नियमित विश्वविद्यालय भेजने हेतु प्रोत्साहित किया। अन्य विषय के छात्रों की संस्कृत में बढती रुचि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत में संभावनाओं को देखकर वे भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं।संगोष्ठी को सफल बनाने में विभाग के शिक्षकों, अभिभावकों एवं द्वितीय एवं चतुर्थ समसत्र के विद्यार्थियों का सकारात्मक योगदान रहा। मंच का संचालन चतुर्थ समसत्र की छात्रा अदिति नमामि एवं निशु रानी ने किया। स्वागत गीत में दोनों समसत्र की छात्राओं की भूमिका रही। चतुर्थ समसत्र के छात्र सुरज, गणेश, सुजीत एवं मोहन ने विभाग में बिताए गए अपने अनुभवों से अभिभावकों को परिचित करवाया। संगोष्ठी में गीत प्रस्तुति अंकित कुमार, रौशन कुमार पाण्डेय एवं विरेन्द्र कुमार ने किया। कविता को प्रस्तुत करने हेतु देवेन्द्र कुमार उपस्थित हुए। इसके उपरान्त अभिभावकों ने अपने सुझाव एवं समस्याओं से विभाग को अवगत कराया। धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी हिमांशु ने किया।