संथाल हूल एक्सप्रेस सेंट्रल डेस्क
हाल ही में पाकिस्तान ने अपने प्रमुख एयरबेस की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया, जो अब भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत क्षतिग्रस्त हो गए थे। यह स्थिति पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर करती है, जो पिछले कुछ समय से छिपाई जा रही थीं।
हमलों का प्रभाव
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिनमें नूर खान एयरबेस शामिल था। इन हमलों में रनवे, हैंगर और रडार सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचा, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना का बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ। अब यह पता चला है कि पाकिस्तान को अपने तीन या चार बड़े एयरबेस की मरम्मत के लिए टेंडर जारी करना पड़ा है। ऐसे में यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के कई फाइटर जेट भी इन हमलों में नष्ट हो गए थे।
शहबाज शरीफ की स्वीकार्यता
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपनी बातों में पाकिस्तान के हालात की गंभीरता को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा है कि भारत के मिसाइल हमलों में नूर खान एयरबेस और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को काफी नुकसान हुआ है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, यह स्थिति भारतीय हमलों की प्रभावीता को साबित करती है, जो कि पहले पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा से छिपाई जा रही थी।
सैटेलाइट तस्वीरों से स्पष्टता
सैटेलाइट तस्वीरों से मिली जानकारी ने इस बात को और स्पष्ट कर दिया है कि नूर खान और रहिम यार खान एयरबेस पर बड़े गड्ढे और क्षतिग्रस्त इमारतें देखी गई हैं। इसके अलावा, रावलपिंडी में मौजूद पाकिस्तान की कमांड एंड कंट्रोल यूनिट भी भारतीय हमले के निशाने पर आई, जिससे पाकिस्तान की रणनीतिक क्षमताओं को भी तगड़ा झटका लगा है।
पाकिस्तान के एयरबेस की मरम्मत के लिए टेंडर जारी करना एक चिंता का विषय है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना की क्षमताओं ने न सिर्फ पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उसके रणनीतिक विचारों को भी प्रभावित किया है। ऐसे में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की इस स्थिति पर गहरी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।