संथाल हूल एक्सप्रेस सेंट्रल डेस्क
भारतीय वायु सेना (IAF) को 2025 में 12 तेजस एलसीए Mk1A फाइटर जेट्स मिलने जा रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में उठाया जा रहा है। जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हो चुका है, तनाव अभी भी बना हुआ है, और ऐसे में यह डिलीवरी दुश्मन को एक कड़ा संदेश देने वाली है।
तेजस Mk1A का महत्व
तेजस Mk1A, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है, भारत में बने हल्के लड़ाकू विमानों का एक अत्याधुनिक संस्करण है। यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो आधुनिक युद्ध में कई प्रकार के मिशनों को सफलतापूर्वक निपटाने में सक्षम है। इसमें शामिल हैं:
- सर्वाइवल क्षमता: यह विमान समकालीन युद्ध की चुनौतियों का सामना करने की सक्षम है।
- ऑपरेशनल एफिशिएंसी: तेजस Mk1A की डिज़ाइन इसे अधिकतम प्रभाव के साथ संचालित करने की अनुमति देती है।
उत्पादन और डिलीवरी
तेजस Mk1A के निर्माण का कार्य बेंगलुरु और नासिक में किया जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस क्षमता को बढ़ाने के लिए नासिक की फैक्ट्री का विस्तार करने की योजना बनाई है। इस संबंध में, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) एयरोस्पेस ने हाल ही में इंजन की डिलीवरी शुरू की है, जो तेजस की डिलीवरी को संभव बना रहा है।
HAL का ऑर्डरबुक
HAL ने बताया कि अगली कुछ वर्षों में उसकी ऑर्डरबुक 1.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने की उम्मीद है, जो कि पिछले वर्ष ₹94,000 करोड़ था। इसमें 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट्स, 143 एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स और 10 डॉर्नियर विमान शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत ₹1.25 लाख करोड़ के आसपास बताई जा रही है।
IAF के लिए ये नए तेजस फाइटर जेट्स न केवल वायु सेना की ताकत को बढ़ाएंगे, बल्कि देश की समग्र रक्षा सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। भारत की इस पहल से यह स्पष्ट है कि देश अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।