संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची: झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री हफिजुल हसन ने एक यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट पूरा किया उन्हें डिग्री दी गई लेकिन इसके वैद्यता को लेकर बहस छिड़ चुकी है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने मंत्री हफिजुल हसन और झारखंड सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है उन्होंने कहा मंत्री हाफ़िज़ुल अंसारी को मिली डॉक्टरेट की डिग्री एक फर्जी विश्वविद्यालय से प्राप्त की गई है, जिसे उन्होंने “भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशनल यूनिवर्सिटी” बताया एक ऐसी संस्था जिसे न तो विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग करने का अधिकार है और न ही किसी प्रकार की शैक्षणिक उपाधि प्रदान करने की मान्यता प्राप्त है।यूजीसी एक्ट 1956 के सेक्शन 22 में स्पष्ट है। इस फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी को ना तो यूजीसी, ना तो भारत सरकार और ना ही झारखंड सरकार ने कोई मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि यह संस्था मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के द्वारा चलाई जाती है यह सिर्फ कागजी संस्था है ऐसे यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट कर मंत्री हफीजूल हसन यह संदेश दे रहे हैं कि वोह हमारे देश के मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट ना कर शरीयत वाले यूनिवर्सिटी से फेक डिग्री लिया है।
फेक यूनिवर्सिटी का लिंक पाकिस्तान तक – अजय साह
अजय साह ने दावा किया कि यह फर्जी विश्वविद्यालय “सेंट्रल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी, अफ्रीका” से अपनी संबद्धता बताता है, जबकि गहन जांच में पता चला कि इस विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. उस्मान को इस्लामाबाद, पाकिस्तान की एक संस्था द्वारा प्रोफेसर की उपाधि प्रदान की गई थी।इस खुलासे के आधार पर साह ने गंभीर आरोप लगाया कि मंत्री हफ़िज़ुल अंसारी की उपाधि का पूरा नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।