झारखंड में बिजली संकट बाबूलाल मरांडी का सरकार पर कड़ा हमला

झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री सोरेन विदेश में निवेश जुटाने के लिए दौरे कर रहे हैं, जबकि राज्य की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

मुख्य बिंदु

बिजली संकट का मुद्दा: मरांडी का कहना है कि राज्य में उद्योग, व्यापार और कारखानें पूरी तरह से बिजली पर निर्भर हैं, लेकिन सरकार की नीतियों और राजनीतिक स्वार्थों के कारण उपभोक्ताओं को आवश्यक बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है।
विदेशी निवेश की संभावना: उन्होंने चेताया कि जब तक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होती, तब तक कोई भी निवेशक झारखंड आने का विचार नहीं करेगा। उनका यह भी कहना है कि पिछले कुछ समय में स्थानीय उद्यमियों की स्थिति भी चिंताजनक हो गई है, और वे पलायन करने पर मजबूर हो सकते हैं।

सत्ता का दोष: मरांडी ने आरोप लगाया कि झामुमो-कांग्रेस की सरकार ने राज्य में स्थापित बिजली उत्पादन संयंत्रों को बंद कराने की कोशिश की है, जिससे बिजली संकट और भी गहरा हुआ है।

मुख्यमंत्रियों की विदेश यात्राएं: मुख्यमंत्री सोरेन की विदेश यात्राओं को लेकर मरांडी ने सवाल उठाया है कि जब बिजली समस्या इतनी गंभीर है, तो मुख्यमंत्री निवेश के बहाने विदेशी देशों की यात्रा क्यों कर रहे हैं।

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