संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
देवघर : रविवार को झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) की प्रथम संथाल परगना प्रमंडलीय बैठक आयोजित की गई। आज की बैठक के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय आई एम ए के उपाध्यक्ष सह देवघर जिला झासा के अध्यक्ष डॉ धन्वंतरि तिवारी थे। आज की बैठक की अध्यक्षता झासा के राज्य अध्यक्ष डॉ बिमलेश सिंह द्वारा किया गया, जबकि स्वागत संबोधन संथाल परगना के प्रमंडलीय उपाध्यक्ष डॉ मोहन पासवान द्वारा किया गया। आज की बैठक की शुरुआत संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसमें राज्य के संरक्षक डॉ पी पी साह, राज्य सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय सिंह, राज्य संयोजक डॉ शरद कुमार, देवघर के सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी, आई एम ए सचिव डॉ गौरी शंकर, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संचयन, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य डॉ प्रदीप सिंह, डॉ विकास कुमार, डॉ प्रीतिश प्रणय, डॉ राजीव कुमार, डॉ विकास कुमार द्वारा किया गया।
बैठक में मंच संचालन डॉ चितरंजन कुमार पंकज, डॉ नीतीश एवं डॉ नवनीता सिंह द्वारा किया गया। बैठक में डॉ धन्वंतरि तिवारी ने कहा कि आई एम ए एवं झासा को संयुक्त रूप से संगठित होने की जरूरत है तभी दोनों संगठन और संगठन के सदस्य मजबूत रहेंगे और तभी सरकार या विभाग हमारी मांगों के प्रति गंभीर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज घटनाएं हुई है जिसमें डॉ कुंदन के साथ उनके निजी क्लीनिक में मारपीट की गई है उसकी घोर निंदा करता हूं साथ अगर आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगी डॉ ठाकुर मृत्युंजय ने कहा कि सरकार बेवजह चिकित्सकों को बायोमेट्रिक उपस्थिति को ले कर जान बुझ कर फंसाया जाता है ताकि सदस्य इसी में उलझा रहे और जो भी हमारी जायज मांगे है उसको टाला जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और बिहार के तर्ज पर डी ए सी पी देय के अवधि का अंतराल रहे,उन्होंने यह भी कहा कि संगठन प्रतिबद्ध है कि लंबित डी ए सी पी एवं सेवा संपुष्टि के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करेगी। राज्य सचिव द्वारा यह भी कहा गया कि बोकारो एवं गोड्डा जिला में उपायुक्त के आदेश पर face recognition उपस्थिति पोर्टल बनाया गया है इस आदेश का संगठन विरोध करती है, उन्होंने कहा कि जो दन्त चिकित्सक पी जी कर चुके है और कार्यरत है उनको विशेषज्ञ चिकित्सक का कैडर बनाया जाय। देवघर के सिविल सर्जन सह संगठन के संरक्षक डॉ जुगल किशोर चौधरी ने कहा कि 24 में से देवघर सहित सिर्फ 5 जिलों में ही ओ पी डी में नई समय सारिणी के अनुसार मरीज को ओ पी डी में इलाज किया जाता है जबकि सभी 24 जिलों के लिए यह आदेश निकाला गया था। उन्होंने कहा कि नई समय सारिणी से मरीजों को इलाज कराने में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य संरक्षक डॉ पी पी साह ने कहा कि सरकार बायोमैट्रिक उपस्थिति को वेतन से नहीं जोड़े, कुछ जिलों में उपायुक्त द्वारा इसे वेतन से जोड़ा गया है जहां उसके खिलाफ संगठन मजबूती से अपनी बात रख रही है और उपायुक्त को अपना आदेश वापस लेना पड़ता है। संगठन के राज्य अध्यक्ष डॉ बिमलेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि संगठन लंबित डी ए सी पी एवं सेवा संपुष्टि के लिए प्रयास करेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि दन्त चिकित्सकों की सेवा नियमावली में बदलाव कर उनको बिहार के तर्ज पर चार डी ए सी पी मिले और सामान्य चिकित्सकों के तर्ज उनकी रिटायरमेंट की उम्र सीमा भी 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष करे। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों को जल्द से जल्द नई एच आर पॉलिसी सरकार लागू करे। आज देवघर जिला झासा की नई कमिटी का भी गठन कर दिया गया, सर्वसम्मति से मनोनीत नई कमिटी की घोषणा प्रमंडलीय उपाध्यक्ष डॉ मोहन पासवान ने किया। जिला के सिविल सर्जन संरक्षक होंगे वही डॉ अभय कुमार यादव को अध्यक्ष, डॉ प्रभात रंजन सचिव, डॉ अशोक अनुज कोषाध्यक्ष, डॉ अनिकेत संयोजक, डॉ संचयन एवं डॉ परमजीत कौर उपाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार बिनोद कुमार एवं डॉ शालिनी को संयुक्त सचिव बनाया गया। वही जिला कार्यकारिणी सदस्यों में मधुपुर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक सहित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा डॉ अनिल कुमार, डॉ संजय कुमार, डॉ निवेदिता, डॉ प्रियंका, डॉ अम्बरीष ठाकुर, डॉ निताशा, डॉ नवनीता सिंह, डॉ अभिषेक प्रकाश को मनोनीत किया गया। मंच का संचालन डॉ चितरंजन कुमार पंकज, डॉ निताशा एवं डॉ नवनीता सिंह द्वारा किया गया। जबकि डॉ प्रभात रंजन एवं राज्य झासा के संयोजक डॉ शरद कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। राज्य से आए हुए सभी पदाधिकारियों को एक पौधा और बाबा बैद्यनाथ मंदिर का एक मोमेंटो दिया गया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ कुमार अभय, डॉ अवधेश सिंह, डॉ जियाउल हक, डॉ श्याम सुंदर सिंह, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ शब्दकांत मिश्रा, डॉ सिंकी सिंहा, डॉ रूपक, डॉ अनुराधा, डॉ शंकर लाल मुर्मू, डॉ खालिद, डॉ महेश मिश्रा सहित कई अन्य चिकित्सक मौजूद थे।