ठेकेदार द्वारा आदिवासी बच्चियों से कराया जा रहा काम
प्रशासन से जांच एवं सख्त कार्रवाई की मांग
संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
जामताड़ा : जिले के करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्र के गोपालपुर गांव से कुरवा गांव तक जाने वाली सड़क के किनारे चल रहे गार्डवाल निर्माण कार्य में बाल मजदूरी का गंभीर मामला सामने आया है। निर्माण स्थल पर आदिवासी समाज की नाबालिग बच्चियों को सिर पर तसले और हाथ में बर्तन लेकर भारी निर्माण सामग्री ढोते हुए देखा गया।स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह निर्माण कार्य एक निजी ठेकेदार द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो लागत में कटौती के उद्देश्य से मासूम बच्चियों से श्रम करवा रहा है। यह न केवल बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का खुला उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के अधिकार, उनके स्वास्थ्य और भविष्य के साथ भी सीधा खिलवाड़ है। भारत सरकार द्वारा लागू कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम करवाना दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद इस स्थल पर नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। जबकि जिला विधिक जागरूकता द्वारा समाज के लोगों को जागरूक करने केलिए लाखों रुपए खर्च किए जाते रहे हैं। यह दृश्य न केवल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता की भी परीक्षा लेता है। जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि इस मामले पर अविलंब संज्ञान लें, दोषी ठेकेदार के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करें, और इन बच्चियों को इस अमानवीय स्थिति से मुक्त कराकर उनके पुनर्वास और शिक्षा की समुचित व्यवस्था करें।समाज और प्रशासन की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि किसी भी बच्चे को बचपन और शिक्षा से वंचित न होने दिया जाए। इस प्रकार की घटनाओं को सामने लाकर ही हम एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज की नींव रख सकते हैं।