टाटा स्टील प्लांट में दर्दनाक हादसा: ठेका कर्मी की फर्नेस में गिरने से मौत, जांच जारी

जमशेदपुर: टाटा स्टील के जमशेदपुर स्थित प्लांट में सोमवार की रात एक भयानक हादसा हुआ, जिसमें एक ठेका कर्मचारी की जान चली गई। यह दुखद घटना प्लांट के हॉट स्ट्रिप मिल (HSM) में हुई, जहां कर्मी बिजय कुमार पाणिग्रही की एक फर्नेस के अंदर गिरने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब फर्नेस की मेंटेनेंस प्रक्रिया के बाद ट्रायल चल रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बिजय कुमार पाणिग्रही, जो विवेक कंस्ट्रक्शन के अंतर्गत ठेका कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, फर्नेस एरिया में मेंटेनेंस का कार्य कर रहे थे।

फर्नेस को शटडाउन कर मेंटेनेंस किया गया था।
उसके बाद ट्रायल प्रक्रिया शुरू की गई।
ट्रायल के दौरान, कर्मचारी ने सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी करते हुए शॉर्टकट रास्ता अपनाया।
उसे चालू फर्नेस एक्सट्रैक्टर की चपेट में आने के कारण गंभीर चोटें आईं।
घायल अवस्था में उसे तत्काल टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जांच और कंपनी की प्रतिक्रिया

हादसे के बाद टाटा स्टील प्रबंधन ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है:

  • सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी के तथ्यों की जांच चल रही है।
  • यह भी जाँच की जा रही है कि क्या संबंधित कर्मियों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया था।
  • प्रबंधन ने हादसे के समय उपस्थित कर्मचारियों से बयान दर्ज करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।

सुरक्षा विभाग का दृष्टिकोण

इस घटना ने टाटा स्टील के औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि:

  • ट्रायल मोड में सुरक्षा प्रोटोकॉल का कठोर पालन अनिवार्य है।
  • कर्मचारियों को शॉर्टकट अपनाने से रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देशों की आवश्यकता है।
  • निरंतर प्रशिक्षण और वास्तविक समय की निगरानी एक आवश्यक पहलू है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

नेटिज़न्स का इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहना है:

  • “ऐसे हादसों को कैसे रोका जा सकता है, जब कंपनियां केवल उत्पादन पर ध्यान देती हैं और सुरक्षा को नजरअंदाज कर देती हैं?” — एक ट्विटर यूजर
  • “बिजय की मौत केवल एक हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही का नतीजा है।” — एक फैक्ट्री कर्मचारी

यह दर्दनाक हादसा औद्योगिक सुरक्षा की दृष्टि से एक गंभीर समस्या को उजागर करता है, जिसे हर स्तर पर गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। टाटा स्टील जैसे प्रतिष्ठित उद्योग में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है।

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