रांची में अवैध खटालों के खिलाफ राँची नगर निगम का अभियान

रांची नगर निगम ने शहर में अवैध खटालों के खिलाफ एक कठोर अभियान की शुरुआत की है। यह विशेष जांच अभियान शनिवार से प्रारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य शहर के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित खटालों की वैधता को सुनिश्चित करना है।

राँची नगर निगम की टीमें विभिन्न वार्डों में जाकर खटाल संचालकों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही हैं। इस जांच में खटालों से संबंधित प्रमुख वैधानिक दस्तावेजों की जांच की जा रही है, जिनमें ट्रेड लाइसेंस, परिसर का होल्डिंग नंबर, और ड्रेनेज व्यवस्था शामिल हैं। निगम ने यह स्पष्ट किया है कि जिन खटाल संचालकों के पास उचित और वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनके खिलाफ झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा 319/3 के तहत सख्त कानून कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम अधिकारियों ने उल्लेखित किया कि खटाल संचालन के लिए स्वच्छता बनाए रखना, पशुओं की उचित देखभाल करना, और गंदगी या दुर्गंध न फैलने देना अनिवार्य है। यदि नियमों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित खटाल संचालकों पर चालान, आर्थिक जुर्माना, और जरूरत पड़ने पर खटाल को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
अवधि में, मुश्तिदख्वारी एक्ट 2016 के तहत बिना अनुमति खटाल चलाने वालों पर ₹2000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि उल्लंघन की स्थिति जारी रहती है, तो प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला जा सकता है। इसी प्रकार, सार्वजनिक स्थलों पर गोबर फेंकने की स्थिति में ₹1000 तक का जुर्माना लगाने की व्यवस्था है।
नगर निगम ने रांची के नागरिकों से एक अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में संचालित अवैध खटालों की सूचना दें। इस तरह, शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहयोग किया जा सकेगा।

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