संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
जामताड़ा : फतेहपुर अंचल कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को संथाल समाज की परंपरागत न्याय व्यवस्था को लेकर बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सीओ हिम्मत ईलाल महतो ने किया। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में संथाल सिविल रूल्स एवं संथाल परगना न्याय विनियमन 1893 के प्रावधानों को वर्तमान परिपेक्ष में संथाल परगना में प्रचलित पारम्परिक एवं कानूनी न्याय प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया गया। संथाल क्षेत्र में जनजातीय समिति के लिए न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता एवं व्यावहारिकता को ध्यान में रखकर संथाल सिविल कोर्ट एवं लोकल ट्राइबल काउंसिल के बीच समन्वय स्थापित करने के बिंदु पर विचार विमर्श करने का जानकारी दिया गया। संथाल परगना न्याय प्रणाली में विधिक संशोधनों की सम्भावना एवं संथाल परगना के प्रासंगिक कानूनी मुद्दों पर राज्य सरकार के नीतिगत निर्णयों पर चर्चा की गई। बैठक में संथाल सिविल रूल्स और संथाल जस्टिस रेगुलेशन 1893 के प्रावधानों को वर्तमान में लागू करने पर चर्चा हुई। संथाल समाज के परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के पदाधिकारियों और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में सिविल कोर्ट, संथाल सिविल कोर्ट और एसपीटी एक्ट 1949 के सेक्शन 2 पर विचार-विमर्श हुआ। समाज के प्रतिनिधियों ने एक सामूहिक प्रस्ताव अंचलाधिकारी को सौंपा। इसमें संथाल समाज की परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के ग्राम स्तर के पदाधिकारियों को मान्यता देने, खास गांवों में प्रधानी बहाली प्रक्रिया लागू करने और जल, जंगल, जमीन तथा खनिज संपदा के संरक्षण के लिए कानून के अनुपालन की मांग की गई। ज्ञापन में संथाल परगना जस्टिस रेगुलेशन 1893, संथाल सिविल रूल 1946 और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 की व्याख्या करने की बात कही गई। बैठक में उपस्थित पदधारक के द्वारा उपरोक्त बिंदुओं पर अपना-अपना सुझाव दिया गया। बैठक में उपस्थित मांझी, नायकी एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा भी अपनी-अपनी राय दी गई। इस अवसर पर अंचल निरीक्षक सुनील सोरेन, राजस्व उप निरीक्षक उत्पल सोरेन, ग्राम प्रधान सुनील कुमार हेम्ब्रम, महातन टुडू, वकील हेम्ब्रम, सदानंद प्रसाद यादव, भीम सेन महतो, उत्पल कुमार मंडल आदि राजस्व ग्राम प्रधानों के साथ साथ दिलीप टुडू, रविलाल मुर्मू, निवारण सोरेन, रविन्द्रर हेम्ब्रम, कालीपद मराण्डी, सत्यवान बास्की, अधर चन्द मराण्डी आदि मौजूद थे।