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रांची: झारखंड विधानसभा में नियोजन नीति पर जयराम महतो का तीखा हमला

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रांची (RANCHI): झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 18वें दिन डुमरी विधायक जयराम महतो ने नियोजन नीति को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सदन में पेश किए गए सवालों के जवाब में सरकार के दो मंत्री और विधायक संतोषजनक उत्तर देने में असफल रहे।

जयराम महतो ने पूछा कि “स्थानीय कौन है?” और यह कि झारखंडी पहचान के मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्टता क्यों नहीं आई है। उन्होंने 1932 की स्थानीय निवास पर आधारित आरक्षण की बात करते हुए कहा कि यह 75% आरक्षण की बात तो सुनी जाती है, लेकिन इसके कार्यान्वयन की हकीकत इससे दूर है।

महतो ने बताया कि निजी कंपनियों में कार्यरत कितने कर्मचारी झारखंड के हैं, इस पर सवाल उठाया। सरकार की ओर से कहा गया कि पेरोल में लगभग 2.5 लाख कर्मचारी हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 53,000 झारखंडी हैं। महतो ने इस आंकड़े पर सवाल उठाया और पूछा कि यदि हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों के आरक्षण के मुद्दे पर रोक लगाई है, तो पहले सरकार के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?

सरकार ने जवाब दिया कि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है और आदेश आने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इस पर महतो ने कहा कि 2002 में भी नियोजन नीति को हाईकोर्ट ने रद्द किया था, और अब सरकार को इसे चुनौती देने का विचार करना चाहिए।

भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी सरकार की कार्यशैली की आलोचना की और कहा कि झारखंड में 75% आरक्षण की बातों के बीच युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हो रहे हैं।

मंत्री सुधिव्य कुमार सोनू ने हरियाणा सरकार का उदाहरण देते हुए जवाब दिया, जबकि कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि एक समिति गठित की गई थी, जिसके आधार पर रोजगार नीति बनाई गई है।

सदन में लंबी बहस के बाद भी जयराम महतो संतुष्ट नहीं हो सके, और उन्होंने कहा कि “सरकार क्या करेगी, यह तो भगवान ही जानें।”

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