प्रतिभा से पहचान : सीसीएल में हिंदी भाषा एवं सृजनशीलता का उत्सव

प्रतिभा से पहचान : सीसीएल में हिंदी भाषा एवं सृजनशीलता का उत्सव

रांची : सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), एक मिनी रत्न कंपनी, के तत्वावधान में राजभाषा माह–2025 के अंतर्गत “प्रतिभा से पहचान” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में निर्णायक मंडली एवं अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट कर महाप्रबंधक (राजभाषा) संजय कुमार ठाकुर ने किया। इसके पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
इस अवसर पर कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों से एक सौ से अधिक अधिकारी, प्रबंधक, लिपिक एवं कर्मी कविता पाठ, आशुभाषण, गायन, हास्य प्रस्तुति, मिमिक्री तथा वाद्ययंत्र वादन जैसी विविध प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
राजभाषा उप प्रबंधक डॉ. दिविक दिवेश ने बताया कि, “यह प्रतियोगिता श्रृंखला इस वर्ष से प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के भीतर निहित विविध प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना, हिंदी भाषा और भारतीय साहित्य के प्रति अभिरुचि को प्रोत्साहित करना तथा हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में सशक्त पहचान दिलाना है।”
प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों में “भारत, भारतीयता और हम” की भावना प्रबल रूप से झलकी। अनेक काव्य एवं गायन प्रस्तुतियों में ‘विकसित भारत @2047’ की परिकल्पना का सशक्त चित्रण देखने को मिला, जिसने कार्यक्रम को राष्ट्रप्रेम और नवचेतना से ओतप्रोत बना दिया। निर्णायक मंडल में प्रख्यात साहित्यकार एवं राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, धनबाद के संस्थापक प्राचार्य डॉ. वासुदेव प्रसाद, सेंट जेवियर कॉलेज, रांची के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार बोस, केंद्रीय विद्यालय संगठन (सीसीएल) की प्राचार्या मीना तिर्की, तथा डीएवी गांधी नगर की संगीत शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी शामिल थीं।इस अवसर पर डॉ. वासुदेव प्रसाद ने राजभाषा विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार ठाकुर को सॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने डॉ. दिविक दिवेश के कुशल संयोजन की सराहना करते हुए कहा — “ऐसे प्रबंधक ही विकसित भारत के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियाँ भारत की संस्कृति, सभ्यता और भाषाई एकता का जीवंत उदाहरण हैं।”
कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कांके, रांची के शिक्षक डॉ. ओम प्रकाश की गरिमामयी उपस्थिति भी रही।सभी निर्णायकों ने प्रतिभागियों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और भाषाई कौशल की सराहना करते हुए इस आयोजन को “भाषा और संस्कृति के संगम का सजीव उदाहरण” बताया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन रोमा कुमारी एवं राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

रांची : सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), एक मिनी रत्न कंपनी, के तत्वावधान में राजभाषा माह–2025 के अंतर्गत “प्रतिभा से पहचान” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में निर्णायक मंडली एवं अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट कर महाप्रबंधक (राजभाषा) संजय कुमार ठाकुर ने किया। इसके पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
इस अवसर पर कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों से एक सौ से अधिक अधिकारी, प्रबंधक, लिपिक एवं कर्मी कविता पाठ, आशुभाषण, गायन, हास्य प्रस्तुति, मिमिक्री तथा वाद्ययंत्र वादन जैसी विविध प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
राजभाषा उप प्रबंधक डॉ. दिविक दिवेश ने बताया कि, “यह प्रतियोगिता श्रृंखला इस वर्ष से प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के भीतर निहित विविध प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना, हिंदी भाषा और भारतीय साहित्य के प्रति अभिरुचि को प्रोत्साहित करना तथा हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में सशक्त पहचान दिलाना है।”
प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों में “भारत, भारतीयता और हम” की भावना प्रबल रूप से झलकी। अनेक काव्य एवं गायन प्रस्तुतियों में ‘विकसित भारत @2047’ की परिकल्पना का सशक्त चित्रण देखने को मिला, जिसने कार्यक्रम को राष्ट्रप्रेम और नवचेतना से ओतप्रोत बना दिया। निर्णायक मंडल में प्रख्यात साहित्यकार एवं राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, धनबाद के संस्थापक प्राचार्य डॉ. वासुदेव प्रसाद, सेंट जेवियर कॉलेज, रांची के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार बोस, केंद्रीय विद्यालय संगठन (सीसीएल) की प्राचार्या मीना तिर्की, तथा डीएवी गांधी नगर की संगीत शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी शामिल थीं।इस अवसर पर डॉ. वासुदेव प्रसाद ने राजभाषा विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार ठाकुर को सॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने डॉ. दिविक दिवेश के कुशल संयोजन की सराहना करते हुए कहा — “ऐसे प्रबंधक ही विकसित भारत के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियाँ भारत की संस्कृति, सभ्यता और भाषाई एकता का जीवंत उदाहरण हैं।”
कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कांके, रांची के शिक्षक डॉ. ओम प्रकाश की गरिमामयी उपस्थिति भी रही।सभी निर्णायकों ने प्रतिभागियों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और भाषाई कौशल की सराहना करते हुए इस आयोजन को “भाषा और संस्कृति के संगम का सजीव उदाहरण” बताया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन रोमा कुमारी एवं राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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