रांची/कोलकाता, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची जोनल कार्यालय के तहत एक बड़े पैमाने पर जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 29 सितंबर 2025 को कोलकाता और हावड़ा में अमित गुप्ता और उसके सहयोगियों की 10 अचल संपत्तियों को 15.41 करोड़ रुपये की कीमत से अनंतिम रूप से कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। ईडी की जांच में सामने आया है कि इस सिंडिकेट ने नकली जीएसटी चालानों के जरिए 734 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की, जिसमें अमित गुप्ता ने वित्तीय प्रबंधक के रूप में कथित तौर पर 67 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को धोया। इस सिंडिकेट के अन्य प्रमुख सदस्यों में शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता और अमित अग्रवाल (विक्की भालोटिया) शामिल हैं, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले जुलाई 2025 में देवड़ा की 5.29 करोड़ रुपये की संपत्तियां भी कुर्क की जा चुकी हैं, जिसके साथ कुल कुर्क की गई संपत्तियों की कीमत अब तक लगभग 20.70 करोड़ रुपये हो गई है।धोखाधड़ी का तरीकाईडी की रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरोह ने नकली चालान जारी कर अनधिकृत रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया, जो सरकार के राजस्व के लिए गंभीर नुकसान का कारण बना। सरकारी ऑडिट के अनुसार, देश में जीएसटी धोखाधड़ी से हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। इस मामले में आगे की जांच जारी है, और ईडी ने कहा कि अपराध से प्राप्त संपत्तियों को चिन्हित करने और कुर्क करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाईसोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की चर्चा तेज है, जिसमें एक यूजर ने ईडी से पुणे सर्कल में भी जांच की मांग की है। ईडी ने अभियोजन शिकायत दायर कर ली है, और मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद है। यह कार्रवाई भारत में कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ चल रही सख्त नीति का हिस्सा है।(नोट: यह समाचार लेख सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है और आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है।)
