संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
जमुआ : ऐतिहासिक होने जा रहा है क्षेत्र में राष्ट्रपिता के आगमन का 100 वां वर्ष। संयोजक मंडली के निमंत्रण को राज्यपाल संतोष गंगवार ने स्वीकार किया। बापू आगमन शताब्दी समारोह के संयोजक बिजय चौरसिया के नेतृत्व में एक संयोजक मंडली ने रांची स्थित राजभवन में राज्यपाल संतोष गंगवार से भेंट कर उन्हें बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया। संयोजक मंडली में संयोजक बिजय चौरसिया के अलावा जमुआ प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र गुप्ता और कांग्रेस के युवा नेता सुभाष यादव शामिल थे। इस क्रम में संयोजक मंडली ने राज्यपाल से स्वाधीनता आंदोलन के काल में आज से 100 वर्ष पूर्व 06अक्टूबर1925 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खरगडीहा, परगोडीह और पचंबा में उनके द्वारा की गई संगोष्ठी, सभा इत्यादि की चर्चा की। बापू की सभा में स्थानीय महिलाओं द्वारा अपने तन में पहने गहनों को बापू के चरणों में समर्पित कर दिया था। संयोजक मंडली बापू के आगमन की 100वीं जयंती राज्यपाल संतोष गंगवार की उपस्थिति से चमकेगा स्वदेशी समारोह, योजक मंडली ने महामहिम से मिल किया अनुरोध
ऐतिहासिक होने जा रहा है क्षेत्र में राष्ट्रपिता के आगमन का 100वा वर्ष। संयोजक मंडली के निमंत्रण को राज्यपाल संतोष गंगवार ने स्वीकार किया। संयोजक मंडली में संयोजक बिजय चौरसिया के अलावा जमुआ प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र गुप्ता और कांग्रेस के युवा नेता सुभाष यादव शामिल थे। इस क्रम में संयोजक मंडली ने राज्यपाल से स्वाधीनता आंदोलन के काल में आज से 100 वर्ष पूर्व 06अक्टूबर1925 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खरगडीहा, परगोडीह और पचंबा में उनके द्वारा की गई संगोष्ठी, सभा इत्यादि की चर्चा की। बापू की सभा में स्थानीय महिलाओं द्वारा अपने तन में पहने गहनों को बापू के चरणों में समर्पित कर दिया था। संयोजक मंडली ने राज्यपाल को खरगडीहा के इतिहास, वहां स्थित महान संत वामदेव लंगटा बाबा की समाधि, उनका महत्व, बाबा का इतिहास और उनकी समाधि पर पौष पूर्णिमा में लगने वाले विशाल मेले की भी जानकारी दी। संयोजक मंडली द्वारा राज्यपाल संतोष गंगवार को लंगटा बाबा का प्रसाद, उनका भभूत, उनके समाधि पर चढ़े पवित्र चादर के अलावा बाबा की आदमकद तस्वीर भी भेंट की गई। जिसे पाकर राज्यपाल अभिभूत हुए और उन्होंने विस्तार से सबकुछ जानना चाहा। कार्यक्रम संयोजक बिजय चौरसिया के द्वारा राज्यपाल को एक अनुरोध पत्र के साथ राष्ट्रपिता गांधी की उनके यात्रा क्रम की प्यारी सी तस्वीर भेंट की गई। चौरसिया ने बताया कि राज्यपाल संतोष गंगवार ने पूरी आत्मीयता पूर्वक कार्यक्रम के बारे में, संत लंगटा बाबा के बारे में सारी बातें सुनी, कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए और कार्यक्रम में शामिल होने का भरोसा जताए। बिजय चौरसिया ने बताया कि राज्यपाल के आने से न सिर्फ़ खरगडीहा बल्कि आसपास के क्षेत्रों के दिन भी बहुरेंगे। उनके द्वारा समय देने और निमंत्रण स्वीकार करने की ख़बर से पूरे क्षेत्र में उत्साह का संचार हुआ है। लोगों में बहुत हर्ष और खुशी है। कहा कि खरगडीहा स्थित ऐतिहासिक राजकीय बुनियादी विद्यालय की रूप रेखा भी बदलेगी। आशा है सभी के यतन से खरगडीहा अपना खोया इतिहास फिर से प्राप्त करेगा। इधर बताया जाता है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र में उत्साह बढ़ता जा रहा है। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने इस अवसर पर आयोजित होने वाले विशेष समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होने का आश्वासन दिया है। यह कार्यक्रम 6 अक्टूबर 1925 को बापू के खरगडीहा आगमन की शताब्दी वर्षगांठ पर मनाया जाएगा। आयोजक समिति द्वारा राज्यपाल को भेजे गए अनुरोध पत्र पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर निश्चित रूप से उपस्थित होने का प्रयास करेंगे। राज्यपाल ने अपने संदेश में बापू के स्वदेशी और चरखा आंदोलन के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। यह कार्यक्रम नई पीढ़ी को आत्मनिर्भरता और अहिंसा के पथ पर चलने की प्रेरणा देगा। याद रहे कि 6 अक्टूबर 1925 को महात्मा गांधी गिरिडीह के खरगडीहा पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्वदेशी और चरखे के महत्व पर चर्चा की। परगोडीह गांव में आयोजित सभा में स्थानीय महिलाओं ने अपने आभूषण तक स्वतंत्रताटी संग्राम के लिए दान कर दिए थे। इसके बाद बापू पचंबा भी गए थे। इस शताब्दी वर्षगांठ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वदेशी प्रदर्शनी, चरखा कार्यशाला और बापू के जीवन पर चर्चा का भव्य आयोजन होगा। राज्यपाल की उपस्थिति से कार्यक्रम को नई ऊंचाई मिलेगी। आयोजक समिति ने ग्रामीणों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है। राज्यपाल को खरगडीहा के इतिहास, वहां स्थित महान संत वामदेव लंगटा बाबा की समाधि, उनका महत्व, बाबा का इतिहास और उनकी समाधि पर पौष पूर्णिमा में लगने वाले विशाल मेले की भी जानकारी दी।