- मुख्यमंत्री ने दिए जांच और मदद के आदेश
पलामू। झारखंड के पलामू जिले से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे एक परिवार ने अपने नवजात शिशु को 50 हजार रुपये में बेच दिया। मामला प्रकाश में आते ही न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राज्य सरकार भी सक्रिय हो गई है।
घटना कैसे सामने आई?
गांव के गरीब दंपति लंबे समय से बीमारी और आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। इलाज और गुजर-बसर के साधन न होने की वजह से उन्होंने मजबूरी में अपना नवजात शिशु बेच दिया। यह खबर सामने आते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई और स्थानीय स्तर पर बाल संरक्षण संस्थाएं हरकत में आ गईं।
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पलामू उपायुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए। सीएम ने कहा कि पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद पहुंचाई जाए और नवजात शिशु को सुरक्षित उसके माता-पिता के पास लौटाया जाए। उन्होंने शनिवार शाम को स्पष्ट निर्देश दिया कि जिला प्रशासन और संबंधित विभाग परिवार की समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाएं।
प्रशासन की कार्रवाई
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। जिला बाल कल्याण समिति की टीम गांव पहुंची और पीड़ित परिवार से बातचीत की। टीम ने आश्वासन दिया कि बच्चों की पढ़ाई, रहने-खाने और इलाज की सारी व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी। इसके साथ ही, परिवार के बच्चों को प्रति माह एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति दिए जाने की घोषणा भी की गई। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक परिवार की मजबूरी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की गहरी तस्वीर पेश करता है। उनका मानना है कि अगर परिवारों को समय पर स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता मिले, तो ऐसी नौबत ही नहीं आएगी।पलामू की यह घटना गरीबी और बीमारी के कारण लोगों की बेबसी की कठोर हकीकत को सामने लाती है। हालांकि प्रशासन और सरकार की त्वरित कार्रवाई ने इस परिवार को राहत की उम्मीद दी है। आने वाले दिनों में जांच से यह साफ होगा कि बच्चे की बिक्री में कौन-कौन शामिल था और आगे क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे।