रेल यात्री सुविधाओं के विस्तार को लेकर सांसद बिजय हांसदा की पहल, क्षेत्रीय महाप्रबंधक से मुलाक़ात

राजमहल। राजमहल सांसद बिजय हांसदा ने अपने संसदीय क्षेत्र में रेल यात्री सुविधाओं के विस्तार और क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाया है। इस क्रम में उन्होंने पूर्व रेलवे के क्षेत्रीय महाप्रबंधक, कोलकाता से मुलाक़ात की और हावड़ा एवं मालदा डिवीजन के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों की कमियों पर चर्चा की। सांसद ने बैठक में कहा कि रेलमार्ग इस इलाके की जीवनरेखा है और इसके आधुनिकीकरण एवं यात्री सुविधाओं में सुधार से प्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने स्टेशनों पर मूलभूत सुविधाओं की कमी, नई ट्रेनों की आवश्यकता और ट्रेनों के समय से संचालन जैसे मुद्दों को प्रमुखता से रखा। सांसद बिजय हांसदा ने कहा हमारे क्षेत्र के लोग लंबे समय से बेहतर रेल सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। चाहे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो या नए ट्रेनों की आवश्यकता, सब मुद्दे महाप्रबंधक के समक्ष रखे गए हैं। विश्वास है कि जल्द सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने इस मुलाक़ात की जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए जनता से साझा की और भरोसा जताया कि रेलवे प्रशासन ठोस पहल करेगा। वहीं यात्रियों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है राजेश कुमार, साहिबगंज निवासी वह कहते हैं कि ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती हैं और प्लेटफॉर्म पर बैठने की व्यवस्था भी सीमित है। अगर सांसद जी की पहल से सुधार हुआ तो यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।”
अनिता देवी, बरहरवा निवासी बरहरवा स्टेशन पर शौचालय और पेयजल की सुविधा बेहद खराब है। उम्मीद है कि अब इसमें सुधार होगा। तीनपहाड़ के राजाराम बताते हैं कि तीन पहाड़ रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेन नहीं रुकती है और यहां आस-पास स्टेशन परिसर पानी भर जाता है निकासी का रास्ता नहीं है चारों तरफ गंदगी रहता है।रमेश हेम्ब्रम कोटालपोखर निवासी नई ट्रेनों की माँग लंबे समय से हो रही है। अगर यह पूरी होती है तो व्यापार और यात्रा दोनों आसान हो जाएंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि सांसद की मांगों पर अमल होता है तो साहिबगंज, राजमहल,तीनपहाड़ बरहरवा समेत पूरे क्षेत्र के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर ग्रामीण और व्यापारिक समुदाय, जो दैनिक जरूरतों के लिए रेल पर निर्भर हैं, उन्हें सीधा लाभ होगा। यह मुलाक़ात सांसद की सक्रियता और क्षेत्रीय विकास के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है। अब लोगों की निगाहें रेलवे प्रशासन के आगामी फैसलों पर टिकी हैं।

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