रांची। झारखंड सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए नई योजना की घोषणा की है। राज्य उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार झारखंड राज्य उच्चतर शिक्षा पुरस्कार योजना के तहत नौ श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे। इनकी राशि 1 लाख रुपये से लेकर 8 लाख रुपये तक होगी।
इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देना और छात्रों, शिक्षकों, प्रशासकों तथा संस्थानों को प्रोत्साहित करना है। चयनित व्यक्ति या समूह को पुरस्कार राशि के साथ-साथ प्रमाणपत्र और स्मृति-चिह्न भी प्रदान किया जाएगा। यदि किसी समूह का चयन किया जाता है, तो पुरस्कार राशि उसके सभी सदस्यों में समान रूप से बांटी जाएगी।
छात्रों के लिए पुरस्कार
अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, अनुप्रयुक्त विज्ञान, बेसिक साइंस, गणित व सांख्यिकी, जनजातीय और गैर-जनजातीय भाषाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्रों को तीन स्तरों पर पुरस्कार दिए जाएंगे।
स्वर्ण पदक : 2 लाख रुपये
रजत पदक : 1.50 लाख रुपये
कांस्य पदक : 1 लाख रुपये
संस्थानों के लिए पुरस्कार
राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले पंजीकृत संस्थानों को भी सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार किसी संस्थान को तीन वर्षों में केवल एक बार मिलेगा।
स्वर्ण पदक : 5 लाख रुपये
रजत पदक : 4 लाख रुपये
कांस्य पदक : 3 लाख रुपये
शिक्षकों और प्रशासकों के लिए पुरस्कार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने और शिक्षा सुधार में योगदान देने वाले शिक्षकों व प्रशासकों को भी सम्मानित किया जाएगा।
स्वर्ण पदक : 2 लाख रुपये
रजत पदक : 1.50 लाख रुपये
कांस्य पदक : 1 लाख रुपये
नवाचार और उद्यमिता पुरस्कार
राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष पुरस्कार रखे गए हैं। अद्वतीय कार्य या विचार प्रस्तुत करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थानों को यह सम्मान मिलेगा। व्यक्तियों के लिए : 2 लाख, 1.50 लाख और 1 लाख रुपये । संस्थानों के लिए : 5 लाख, 4 लाख और 3 लाख रुपये। पर्यावरण, समाज और शासन-विधि में योगदान जो भी उच्च शिक्षण संस्थान इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करेंगे, उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा।
स्वर्ण पदक : 5 लाख रुपये
रजत पदक : 4 लाख रुपये
कांस्य पदक : 3 लाख रुपये
राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना से उच्च शिक्षा में प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता दोनों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही शिक्षण संस्थानों और व्यक्तियों को समाज व राज्य के लिए नवाचार और सकारात्मक योगदान के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।