📍 रांची/हजारीबाग | ब्यूरो रिपोर्ट
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और उनके नजदीकी सहयोगियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की टीमें फिलहाल झारखंड के दो जिलों—रांची और हजारीबाग में कुल 8 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
🔍 किन-किन ठिकानों पर हुई रेड?
ईडी की एक टीम रांची के किशोरगंज, हरमू रोड, और दूसरी टीम हजारीबाग के बड़कागांव में तैनात है।
छापेमारी मुख्य रूप से पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के निजी सहायक संजीव साव, मनोज दांगी और पंचम कुमार के आवास और प्रतिष्ठानों पर हो रही है।
🏢 किस मामले में हो रही है कार्रवाई?
जानकारी के अनुसार, ईडी की यह कार्रवाई आरकेटीसी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले की जांच के सिलसिले में की जा रही है।
इस कंपनी पर सरकारी खनन-परिवहन कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन का आरोप है।
📅 2024 में भी हुई थी बड़ी छापेमारी
यह पहला मौका नहीं है जब अंबा प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की हो।
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18 मार्च 2024 को भी ईडी ने अंबा प्रसाद, उनके पिता योगेंद्र साव, और अन्य सहयोगियों के कुल 17 ठिकानों पर छापा मारा था।
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उस कार्रवाई में करीब 20 लाख रुपये नकद और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे।
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ईडी ने यह रेड बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और अघोषित संपत्ति के मामलों में की थी।
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छापेमारी का दायरा रांची, हजारीबाग और मुंबई तक फैला था।
⚖️ ईडी ने दर्ज की थी ECIR
इस पूरे प्रकरण में ईडी ने ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज कर रखी है, जिसमें अंबा प्रसाद और उनके पिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, लैंड घोटाले, और ट्रांसपोर्टिंग फ्रॉड जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
📌 क्या हो सकता है अगला कदम?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छापेमारी में नए दस्तावेज़, अघोषित संपत्ति, या लेन-देन का सबूत मिलता है, तो ईडी समन भेजने या गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी तेज कर सकती है।
