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खौलते छोले में गिरने से डेढ़ साल की मासूम की मौत, दो साल पहले इसी तारीख को गई थी बड़ी बहन की जान

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संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क | रांची/सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दुद्धी नगर पंचायत क्षेत्र में सड़क किनारे फुल्की की दुकान लगाने वाले एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। डेढ़ साल की मासूम प्रिया गर्म छोले के बर्तन में गिर गई, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ठीक दो साल पहले इसी तारीख पर प्रिया की बड़ी बहन की भी मौत हुई थी। वह भी गर्म पानी में झुलसकर दुनिया छोड़ गई थी। एक ही दिन, एक ही तारीख और एक जैसा दर्द… परिवार की किस्मत मानो बार-बार उसी जख्म को कुरेद रही है।

कैसे हुआ हादसा?

प्रिया के पिता शैलेश झांसी के रहने वाले हैं और बीते कई वर्षों से दुद्धी में फुल्की की छोटी सी दुकान लगाकर परिवार का गुजारा कर रहे हैं। रोज की तरह शैलेश सुबह-सुबह छोले उबाल रहे थे ताकि दिनभर की बिक्री के लिए तैयारी हो सके।

इसी दौरान घर में खेलती हुई छोटी प्रिया अचानक ही गर्म छोले से भरे बड़े बर्तन में गिर गई। जब तक परिजन कुछ समझ पाते, तब तक बच्ची का शरीर बुरी तरह झुलस चुका था।

अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम

परिजन आनन-फानन में बच्ची को दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर भागे। लेकिन यहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का शरीर करीब 80% तक जल चुका है। उसकी हालत बेहद गंभीर थी। तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद डॉक्टर्स उसे बचा नहीं सके।

मां की हालत बेहद खराब

घटना के बाद पूरे घर में कोहराम मचा हुआ है। मां का बार-बार बेहोश हो जाना और बार-बार अपनी बच्ची को पुकारना… यह मंजर देखने वालों की आंखें भी नम हो गईं। शैलेश खुद सदमे में हैं और बार-बार एक ही सवाल दोहरा रहे हैं – “यह कैसे हो गया?”

दो साल पहले भी हुआ था ऐसा ही हादसा

सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि दो साल पहले इसी तारीख पर शैलेश की बड़ी बेटी की भी इसी तरह जलने से मौत हो गई थी। उस वक्त वह गर्म पानी के टब में गिर गई थी। परिवार आज भी उस हादसे से उबर नहीं पाया था कि फिर वही काली तारीख उनका सब कुछ छीनकर ले गई।

इलाके में पसरा मातम

पूरा मोहल्ला इस हादसे से गमगीन है। आसपास के लोग शैलेश और उनके परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं। सभी की जुबान पर एक ही सवाल है – आखिर एक ही परिवार के साथ बार-बार ऐसा क्यों हो रहा है?


Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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