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आए दिन मिल रही शिकायतों के कारण शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे सांसद

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शो कॉज नोटिस जारी, 24 घण्टे में मांगा स्पष्टीकरण

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे आए दिन मिल रहे शिकायतों को लेकर हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल शुक्रवार को अधीक्षक से मिलने पहुंचे मगर सांसद से आमना सामना नहीं हो सका। उनके सवालों का जवाब नहीं देना पड़े। इसलिए वे सूचना के बावजूद अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनुकुरन पुर्ती अस्पताल से गायब थे। सांसद ने मौके पर मौजूद प्रिंसिपल, एचओडी और डिप्टी सुपरिंटडेंट से कई सवालों के जवाब मांग दिए। बीते बुधवार की रात्रि में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लेबर रूम में घटी अमानवीय घटना को लेकर जमकर फटकार लगाई। मौके पर लापरवाही बरतने वाले लेबर रूम डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. रामेश्वरी बेग, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ एके. सिंह से जवाब तलब किए गए। तब अस्पताल की व्यवस्था की पोल पूरी खुल गई। जानकारी मिली कि सुरक्षा का बहाना बनाकर महिला चिकित्सक अस्पताल से रात में गायब रहती हैं। सांसद ने सवाल उठाया कि अगर बुधवार की रात डॉ. आकांक्षा सुरक्षा की आड़ लेकर लापता थी तो इसका मतलब है कि हर रात को चिकित्सक इसी आड़ में लापता रहते होंगे। क्योंकि इसकी पुष्टि एचओडी डॉ. रामेश्वरी बेग ने खुद किया है। सांसद ने ऐसे लापरवाह चिकित्सको पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद प्रिंसिपल सह शिक्षा स्वास्थ्य निदेशक डॉ एसके सिंह ने सुपरिंटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति, एचओडी डॉ.रामेश्वरी बेग और ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाली डॉ.आकांक्षा से शो काउज किया। मौके पर सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को फोन लगा दिया। फोन पर डॉ इरफान अंसारी ने भी असुरक्षा का हवाला देते हुए डॉक्टर के पक्ष में खड़े हो गए। तब सांसद ने बताया कि डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से ही अस्पताल में 20 होमगार्ड जवान 20 आउटसोर्स एजेंसी से सिक्योरिटी गार्ड तैनात हैं। अस्पताल परिसर में चार एक का पुलिस पिकेट संचालित है। जिसमें सरकार का हर माह 8 से 10 लाख रुपए उनके वेतन और मानदेय में खर्च हो रहा है। इसके बावजूद भी अगर अस्पताल के चिकित्सक और कर्मी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इस बात की पुष्टि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कर रहे है तो फिर इन सिक्योरिटी गार्ड और गृह रक्षक की तैनाती का क्या औचित्य है। यह खुद ही बड़ा सवाल खड़ा कर दे रहा है। सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि जरूरतमंद मरीजों के साथ किसी भी प्रकार का चिकित्सीय खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हजारीबाग में जरूरतमंद मरीजों के हित में वह एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि के नाते सजग रहें हैं और आगे भी रहेंगे। संसद ने बताया कि बुधवार रात की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रसव पीड़ा से तड़पती रही एक महिला और पति ओटी का दरवाजा खटखटाते रहे। तकरीबन एक घंटे तक प्रयास करते रहे। लेकिन प्रसव कक्ष का दरवाजा नहीं खुला। अंततः शहर के ही निजी अस्पताल चले गए। जहां प्रसव के बाद जच्चा – बच्चा स्वस्थ हैं। सांसद के सुपरिटेंडेंट कार्यालय पहुंचने के बाद प्रिंसीपल ने तीन नोटिस जारी किया है। एक नोटिस में कहा गया है कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक की अनुपस्थिति में इनके स्थान पर डॉ. अजय कुमार सिंह, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी उनके कार्यों का संपादन करेंगे। वहीं महिला चिकित्सक से शो कॉज किया गया कि 4 जून की रात को प्रसव कक्ष में महिला मरीज मनीषा कुमारी, पति बिनोद कुमार साव, ग्राम दिगवार है, प्रसव घण्टो तक अस्पताल के प्रसव कक्ष का दरवाजा खटखटाते रहे। लेकिन महिला का इलाज नहीं किया गया। मौके पर सांसद मनीष जायसवाल के साथ विशेष रूप से हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी, भाजपा नेता अर्जुन साहू, अजय कुमार साहू, मुकेश साव और पीड़ित मरीज के परिजन के साथ कई मीडियाकर्मी भी मौजूद रहें।

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