विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावास के बहुरेंगे दिन

युद्ध स्तर पर छात्रावासों की सफाई के कार्य किया गया प्रारंभ

बंद छात्रावास के कारण नैक मूल्यांकन में मिले थे कम अंक

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में अवस्थित तीनों बंद छात्रावास बहुत जल्द होंगे प्रारंभ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा इस संबंध में योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ कर दिए है। पहले चरण में उन्होंने उच्च अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय अभियंता के द्वारा सभी छात्रावासों का भौतिक निरीक्षण करवाया। उच्च अधिकारियों से परामर्श उपरांत दूसरे चरण में दोनों महिला छात्रावास परिसरों की साफ सफाई युद्ध स्तर पर करने का निर्देश दे दिया गया है। महिला छात्रावास भवन के बाहर का परिसर एवं दोनों भवन के अंदर की साफ सफाई के लिए सिर्फ दो दिनों का समय मुकर्रर हुआ है। विश्वविद्यालय में कार्यरत एजेंसी को कहा गया है की परिसर में कार्यरत सभी माली एवं सफाई कर्मचारियों को अपने अपने पदस्थापित केंद्र के कार्य के अतिरिक्त इस कार्य में लगा दे। बुधवार को एजेंसी के एरिया ऑफिसर मनोज कुमार झा एवं दोनों सुपरवाइजर विकास कुमार हरी एवं मुन्ना यादव स्वयं उपस्थित होकर दोनों महिला छात्रावास की साफ सफाई का कार्य को निर्देशित कर रहे थे। दोनों छात्रावास लगभग दो वर्ष से अधिक समय से बंद तथा उपेक्षित पड़े हुए हैं। दोनों के परिसर में चारों तरफ झाड़ी और लंबे-लंबे जंगली घास हो गए हैं। लगभग 25 से अधिक की संख्या में पुरुष एवं महिला कर्मियों ने दोनों छात्रावास की साफ सफाई का काम को आज अंजाम दिया। ग्रास कटिंग मशीन के साथ-साथ अन्य साजो समान का उपयोग बखूबी किया गया। विश्वविद्यालय प्रबंधन का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक जून-जुलाई में नए नामांकन के समय से छात्रावास की सुविधा फिर से उपलब्ध कराई जाए। इधर छात्रावास प्रारंभ होने की खबर से विद्यार्थियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावास में रहना चाहते हैं। इससे विश्वविद्यालय परिसर भी जीवंत होता है। ज्ञात हो की पूर्व कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव के कार्यकाल में छात्र सरोजिनी नायडू खाली करवा कर बंद कर दिया गया। अन्य छात्रावास तो कभी प्रारंभ नहीं हुए। विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कई बार पूर्व महिला कुलपति सुमन कैथरीन किसपोट्टा से छात्रावास चालू करवाने का आग्रह किया। परंतु ऐसा हो ना सका। हाल में डॉ विकास कुमार के डीएसडब्ल्यू बनने के उपरांत सभी छात्रावास प्रारंभ करने की दिशा में ठोस पहल किया जा रहे थे। छात्रावास का बंद रहना विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में कम अंक मिलने के पीछे का एक प्रमुख कारण बना।

Leave a Comment