रेलवे स्टेशन, कॉलेज और बंदरगाह क्षेत्र में दिखी सक्रियता
साहिबगंज।
अपराह्न 4:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक साहिबगंज रेलवे स्टेशन, साहिबगंज महाविद्यालय और बंदरगाह क्षेत्र में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर किया गया, जिसमें झारखंड के पाँच जिलों को सम्मिलित किया गया था – जिनमें साहिबगंज प्रमुख था।
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों, जैसे हवाई हमले या प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करना था।
मॉक ड्रिल के दृश्य:
हवाई हमले की चेतावनी के रूप में तेज़ सायरन बजाए गए, जिसके बाद बमबारी जैसी ध्वनि उत्पन्न कर माहौल को वास्तविकता के करीब लाया गया। इस दौरान नागरिकों, छात्रों और सुरक्षाबलों ने अद्भुत सक्रियता दिखाई। लोग तेजी से आश्रय स्थलों की ओर भागे, घायल होने की एक्टिंग की गई और सुरक्षाबलों ने रेस्क्यू ऑपरेशन का प्रदर्शन किया।
सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका:
एनसीसी, एनएसएस, होमगार्ड, आपदा मित्र वॉलंटियर्स, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने पूर्ण समन्वय के साथ रेस्क्यू व निकासी अभियान को अंजाम दिया। फायर ब्रिगेड ने आगजनी के हालात का जवाब दिया और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुँचाया गया।
अभ्यास के प्रमुख बिंदु:
★ हवाई हमले की चेतावनी और ब्लैकआउट अभ्यास
★ आत्म-सुरक्षा का प्रशिक्षण और गो-बैग की उपयोगिता
★ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का छलावरण
★ स्कूलों, कार्यालयों और नागरिकों की निकासी योजना
★ मोबाइल संचार, अफवाहों से बचाव और सामूहिक सहयोग की अपील
प्रशासन की अपील:
यह मॉक ड्रिल प्रशासनिक तैयारियों का मूल्यांकन करने के साथ-साथ जन-जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से दूर रहते हुए भविष्य की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और इस तरह की तैयारियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
आपदा प्रबंधन के लिए 12 कोषांग का गठन
इसके पूर्व डीसी हेमंत सती ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिले की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा आपदा की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला स्तर पर कुल 12 विशेष कोषांगों का गठन किया गया। जिनमें मुख्यालय सेवा, वार्डन सेवा, संचार सेवा, हताहत सेवा, अग्निशमन सेवा, बचाव सेवा, कल्याण सेवा, मलबा व शव निस्तारण सेवा, डिपो एवं परिवहन सेवा, प्रशिक्षण सेवा व आपूर्ति सेवा शामिल हैं।