राजमहल : बुधवार को मॉडल कॉलेज, राजमहल में एक अनूठा और महत्वपूर्ण आयोजन हुआ। केंद्र सरकार एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार देशभर के 244 चिन्हित जिलों में आयोजित मॉक ड्रिल के अंतर्गत कॉलेज परिसर में हवाई हमले, बिजली गुल, ब्लैकआउट और आपदा जैसी स्थितियों का यथार्थ कर आपातकालीन तैयारियों की जांच की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह परखना है कि युद्ध या मिसाइल हमले जैसी विकट परिस्थिति में आम नागरिक, विशेषकर छात्र-छात्राएं, कितनी तेजी और सटीकता से प्रतिक्रिया दे सकते हैं। सायरन बजने से लेकर बिजली बंद होने और शरण लेने तक, पूरे कार्यक्रम को एक यथार्थ आपदा स्थिति जैसा प्रस्तुत किया गया। प्रशिक्षित कर्मियों और कॉलेज स्टाफ ने आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और बचाव कार्य का प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं ने अनुशासित ढंग से तय स्थानों पर जाकर शरण ली और स्थिति सामान्य होने तक संयम बनाए रखा। डॉ रणजीत ने जनता से अपील करते हुए कहा यह वास्तविक आपदा नहीं है, कृपया घबराएं नहीं। जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें और जिला प्रशासन का पूरा सहयोग करें। इस अवसर पर डॉ विवेक महतो और डॉ अरविंद पांडे ने विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों, दिव्यांगों, असहायों और अपने परिवार का ख्याल रखना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है और संकट की घड़ी में संयम, सजगता और समयबद्ध निर्णय ही जीवन रक्षक हो सकते हैं। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ रमजान अली ने किया, जबकि डॉ अमित कुमार ने आभार ज्ञापन किया। इस मॉक ड्रिल में कॉलेज के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया और युद्ध जैसी स्थिति में सुरक्षित व्यवहार और राहत प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
विशेष तथ्य
हवाई हमले और ब्लैकआउट की स्थिति का मॉक सायरन के साथ अभ्यास। राहत कार्य, आपात सेवाएं और सुरक्षित स्थल पर जाने का व्यवहारिक प्रशिक्षण। छात्रों में आत्मरक्षा और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा। राजमहल मॉडल कॉलेज में किया गया यह आयोजन न केवल प्रशासनिक तैयारी का परीक्षण था, बल्कि आम जनता को भी संकट के समय शांतिपूर्ण और सुरक्षित प्रतिक्रिया देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।