S R Rungta Group के संस्थापक स्व. सीताराम रुंगटा की 31वीं पुण्यतिथि, कर्मचारियों ने दी श्रद्धांजलि

Chaibasa:-स्व० सीताराम जी रुंगटा का जन्म दिसंबर 1920 को तथा निधन 17 अप्रैल 1994 को हुआ था. उनके पिता स्व० मांगी लाल रुंगटा भी जानेमाने उद्योगपति सह समाजसेवी थे, जिन्होंने अपने व्यवसाय को काफी आगे बढ़ाया. सीताराम रुंगटा की शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (कोलकाता) में हुई. उन्होंने 1940 में आईएससी की परीक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की. उसके बाद विद्यासागर कॉमर्स कॉलेज कलकत्ता से बीकॉम की डिग्री हासिल की. शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने पिता के व्यवसाय को संभाला.

रुंगटा ग्रुप का व्यवसाय माइनिंग ऑफ आयरन ओर, मैगनिज ओर, क्रोमाइट, कायनाइट, ग्रेफाइट, लाइम स्टोन, डोलोमाइट और चीनी मिट्टी का है. सीताराम रुंगटा इलेक्ट्रो केमिकल्स ओड़िशा लिमिटेड में प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद पर थे. उन्होंने अपने कार्यों का निर्वहन बहुत ही शालीन तरीके से किया. इसके अलावा इस्टर्न जोन माइनिंग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद पर भी रहते हुए एसोसिएशन को नयी दिशा दी. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स पटना, बिहार इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन पटना, वनस्पति माइंस ऑनर एसोसिएशन ओड़िशा, फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनिरल्स इंडस्ट्रीज नयी दिल्ली के अलावा सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्य रह चुके थे. केंद्र सरकार की ओर से भी कॉमर्स मंत्रालय, स्टील एंड माइंस, रेलवे मंत्रालय और श्रम मंत्रालय में भी महत्वपूर्ण पद पर कार्य किये. इसके अलावा ओड़िशा तथा बिहार सरकार में भी योगदान दिया. छोटानागपुर प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड रांची, छोटानागपुर क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी रांची के सदस्य रह चुके थे. रेड क्रॉस सोसाइटी सिंहभूम तथा जिला नेशनल रक्षा कमेटी के उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके थे.

इसके अलावा ऐसी सैकड़ों कमेटियां हैं, जिसके सदस्य रह चुके थे. इतने सामाजिक संगठनों से जुड़े होने का लाभ उन्हें बाद में मिला. सीताराम रुंगटा ने 1946 से लेकर 1950 तक चाईबासा नगरपालिका के उपाध्यक्ष पद पर कुशलतापूर्वक कार्य किये. इसके बाद 1951 से लेकर 1989 तक चाईबासा नगरपालिका के चेयरमैन पद पर बने रहे. उनके कार्यकाल में नगरपालिका के कार्यों का विकास हुआ. चाईबासा नगरपालिका के अधीन जो भी विकास कार्य हुए, वे एक सुसज्जित तरीके से कराये गये थे. 38 साल तक नगरपालिका का विकास कार्य हुआ, जो अब भी दिखता है. इतना ही नहीं वे सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेते थे. अपनी जिम्मेवारियों को बखूबी निभाते थे.
उनके पिता स्व० मांगीलाल रुंगटा के नाम से स्कूल है, जहां हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं. शंभु मंदिर चाईबासा, राजस्थान सेवा समिति, पिल्लई टाउन हॉल, करणी मंदिर, सूरजमल जैन चैरिटेबल, स्वामी स्वरूपानंद जी देश सेवा धर्म संस्थान कलकत्ता के ट्रस्टी थे. मारवाड़ी हिंदी विद्यालय चाईबासा, टाऊन क्लब चाईबासा तथा शंभु मंदिर के मानद सचिव थे. छोटानागपुर एजुकेशन काउंसिल, ऑल इंडिया मारवाड़ी फेडरेशन, बिहार बैडमिंटन एसोसिएशन, रांची विश्वविद्यालय सीनेट, माइनिंग अभियंता एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य थे. रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पॉल हैरिस फैलो तथा सिल्वर एलीफेंट अवार्ड मिला था. स्व सीताराम जी रुंगटा के दो सुपुत्र नंदलाल रुंगटा व मुकुंद रुंगटा हैं, जो अपने दादा स्व मांगीलाल रुंगटा व पिता के कार्यों को बहुत ही कुशलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं.

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