झारखंड के लिए धरोहर: श्री राम जानकारी तपोवन मंदिर का निर्माण अयोध्या राम मंदिर के तर्ज पर होने जा रहा है, 14 अप्रैल को होगी शिलान्यास

रांची: झारखंड में स्थित कई धार्मिक स्थल देश भर में अपनी पहचान बना चुके हैं। इनमें रांची के निवारणपुर स्थित प्राचीन तपोवन मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो राम भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र माना जाता है। इस मंदिर का अतीत न केवल दिव्य बल्कि ऐतिहासिक भी है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, यही वह स्थान है जहां स्वयं भगवान श्री राम प्रकट हुए थे। अब इस प्राचीन तपोवन मंदिर का नया रूप तैयार हो रहा है, जिसके लिए शिलान्यास 14 अप्रैल को किया जाएगा।

अयोध्या के तर्ज पर तपोवन मंदिर का निर्माण

तपोवन मंदिर के मुख्य पुजारी महंत ओम प्रकाश शरण ने जानकारी दी कि श्री राम जानकी तपोवन मंदिर का निर्माण अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि की तर्ज पर किया जाएगा। अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण करने वाले इंजीनियर आशीष सोमपुरा द्वारा तपोवन मंदिर के लिए भी निर्माण डिजाइन दिया गया है।

अंग्रेजी शासनकाल में हुआ था निर्माण

इस मंदिर का इतिहास सुनहरे पन्नों में दर्ज है। यह माना जाता है कि अंग्रेजी शासनकाल के दौरान बकटेश्वर जी महाराज ने यह तपोवन स्थापित किया था। एक बार, जब बकटेश्वर जी महाराज तप में लीन थे, तो एक बाघ उनके समीप आया। इस दृश्य को देखकर एक अंग्रेज अधिकारी ने बाघ को गोली मार दी, जिससे महाराज जी बहुत क्रोधित हुए। इस घटना के बाद, महाराज जी ने सुझाव दिया कि यहाँ शिवलिंग स्थापित किया जाए और इसके बाद अंग्रेजी सरकार ने मंदिर का निर्माण कराया।

मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

रांची के स्थानीय लोगों का मानना है कि तपोवन मंदिर में की गई मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। महंत ओम प्रकाश शरण ने कहा, “जो भक्त सच्चे मन से श्री राम की आराधना करता है, उसकी मनोकामना भगवान अवश्य पूरी करते हैं।”

जीनोद्वार से बढ़ेगा पर्यटकों का आगमन

तपोवन मंदिर के भव्य जीनोद्वार का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। आगामी 14 अप्रैल को शिलान्यास के साथ ही मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होगा। यह प्रसन्नास्पद है कि इस मंदिर के निर्माण के बाद झारखंड में पर्यटकों की संख्या में काफ़ी वृद्धि होने की संभावना है। विशेषकर राजधानी रांची का पर्यटन स्थल के दृष्टिकोण से सशक्त होना सुनिश्चित है।

राजस्थान से मंगाई गई शिलाएं

मंदिर के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली शिलाएं विशेष रूप से राजस्थान से मंगवाई गई हैं। ये मार्बल शिलाएं मंदिर की आभा को और बढ़ाएंगी। मुख्य पुजारी के अनुसार, मंदिर में कुल 117 शिलाएं और लगभग 13 शिखर होंगे।

धरोहर के इस अद्भुत स्थल के विकास से न केवल धार्मिक आस्था में वृद्धि होगी, बल्कि यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी एक नया मुकाम देगा।

रिपोर्टर: सौरभ राय

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