अब मंईयां सम्मान योजना में राशन कार्ड से होगा सत्यापन

रांची, झारखंड: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए राज्य के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने राशन कार्ड का सत्यापन करने का निर्णय लिया है, जिससे कि योजना का लाभ केवल वास्तविक निवासी महिलाओं को प्राप्त हो सके।

योजना का उद्देश्य

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि मंईयां सम्मान योजना का लाभ झारखंड की उन महिलाओं को मिले जो 21 से 50 वर्ष की आयु में हैं। इस सत्यापन प्रक्रिया में खाद्य आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड पोर्टल के एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (API) के उपयोग की स्वीकृति मांगी गई है। इसके अलावा, लाभुकों की स्थिति की सुनिश्चितता के लिए राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) जैसे अन्य तकनीकी प्लेटफार्मों का भी सहारा लिया जा रहा है।

नई शर्तें

सामाजिक सुरक्षा निदेशक समीरा एस. ने जानकारी दी कि लाभ लेने के लिए राशन कार्ड अब अनिवार्य कर दिया गया है। राशन कार्ड को आधार से लिंक होना आवश्यक है, और लाभुक का नाम उस कार्ड में होना चाहिए। यदि किसी लाभुक का आधार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से लिंक नहीं होता है, तो उसका सत्यापन UIDAI के माध्यम से किया जाएगा।

मौजूदा स्थिति

हाल ही में, एक व्यक्ति द्वारा एक ही बैंक अकाउंट से 95 बार आवेदन करने की घटना ने इस दिशा में कड़े सत्यापन की आवश्यकता को उजागर किया। इस संदर्भ में, मार्च तक राज्य सरकार ने लाभुकों के खातों में एकमुश्त 7500 रुपये (तीन माह की राशि) ट्रांसफर की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 6 जनवरी को 56.61 लाख महिला लाभुकों को 1415.45 करोड़ रुपये की राशि ऑनलाइन भेजी थी। इसके अतिरिक्त, होली के समय 38 लाख लाभुकों को भी योजना का लाभ मिला था।

नए नियमों का प्रभाव

अप्रैल से योजना में बदलाव करते हुए यह अनिवार्य किया गया है कि प्रत्येक लाभुक महिला का केवल एक आधार लिंक्ड बैंक खाता होना चाहिए। लाभुकों को अब प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में, रांची जिले में 4,31,393 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है।

सभी लाभुकों को जनवरी, फरवरी और मार्च की राशि एक साथ प्राप्त हुई है। रांची के जिला अधिकारी ने सभी लाभुकों से अपनी बैंक खाता जानकारी को आधार से लिंक कराने की अपील की है। इसके साथ ही, बीडीओ और सीओ को सत्यापन प्रक्रिया को तेज करने के लिए जांच फार्म वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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